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1984 कानपुर सिख दंगों की जांच कराएगी योगी सरकार, बनाई SIT

1984 Sikh Riots पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या होने के बाद उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए 1984 सिख दंगों की दोबारा जांच करवाने के लिए योगी सरकार ने एसआईटी का गठन किया गया है.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या होने के बाद उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों को लेकर उत्तर प्रदेश की सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. बुधवार को योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सिख दंगों की जांच कराने का आदेश दिया है और इसके लिए एक SIT का गठन किया गया है. एसआईटी की अगुवाई पूर्व डीजी अतुल करेंगे.

पूर्व डीजी अतुल के अलावा इस एसआईटी में रिटायर्ड जज सुभाषचंद्र अग्रवाल, रिटायर्ड एडी अभियोजन योगेश्वर कृष्ण श्रीवास्तव, एक एसएसपी और एसपी को भी सचिव के तौर पर शामिल किया गया है.

गौरतलब है कि वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की दो सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने पर दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में इसका गुस्सा सिखों पर उतारा गया था.

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देशभर में हिंसा की स्थिति हो गई थी, इस दौरान कानपुर, दिल्ली समेत देश के बड़े शहरों में सिख विरोधी दंगे हुए थे. दिल्ली के बाद सबसे भीषण दंगा कानपुर में ही हुआ था, यहां हुई हिंसा में 127 सिख मारे गए थे.

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सज्जन कुमार को हुई थी उम्रकैद

आपको बता दें कि दिल्ली सिख दंगों को लेकर बीते साल दिसंबर में दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला आया था. जिसमें कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. सज्जन कुमार पर हिंसा कराने और दंगा भड़काने का आरोप लगा था.

सज्जन कुमार को जिस मामले में उम्रकैद हुई थी, वह एक हत्याकांड था. जिसमें नवंबर 1984 को दिल्ली छावनी के राजनगर क्षेत्र में एक ही परिवार के पांच सदस्यों को मार दिया गया था. इस हत्याकांड में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार भी आरोपी हैं.

सज्जन कुमार के अलावा भी कुछ अन्य दोषियों की भी सजा का ऐलान किया गया था. जिसमें दंगे के दोषी यशपाल को फांसी की सजा जबकि दूसरे दोषी नरेश सेहरावत को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी.

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