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अलविदा 2015: पुलिस के लिए चुनौती बने हत्या के ये पांच मामले

साल 2015 में हत्या के ऐसे कई मामले सामने आए जो खुल जाने के बावजूद पहेली बने रहे. आइए जानते हैं कौन से हैं वो पांच मामले जो जुर्म की दुनिया में सुर्खियां बन गए.

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इस साल हत्या के इन मामलों ने पुलिस को उलझाकर रखा
इस साल हत्या के इन मामलों ने पुलिस को उलझाकर रखा

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साल 2015 जुर्म के लिहाज से भी कई मामलों के लिए याद किया जाएगा. ऐसे कई हैं जो पूरी तरह से सामने आने के बावजूद पहेली बने रहे. इन मामलों में पुलिस ही नहीं बल्कि आम लोग भी दिलचस्पी लेते रहे. आइए जानते हैं कौन से वो पांच मामले जो बने जुर्म की दुनिया में सुर्खियां.

इंद्राणी और शीना बोरा

शीना बोरा मर्डर केस

मुंबई का शीना बोरा मर्डर केस इस साल की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री बनकर सामने आया. इस केस पर पूरे देश की निगाहें लगी रहीं. हर दिन होने वाले नए खुलासों ने पूरे मामले को दिलचस्प बना दिया. हर कोई यह जानना चाहता था कि आखिर शीना बोरा की मां इंद्राणी मुखर्जी ने अपनी बेटी का कत्ल क्यों किया. दरअसल, इंद्राणी ने अपने पूर्व पति संजीव और ड्राइवर श्यामवर राय की मदद से 24 अप्रैल 2012 को अपनी बेटी शीना का कत्ल कर दिया था. मगर यह मामला साल 2015 में सामने आया. इस पूरे साल यह मामला सुर्खियों में बना रहा. इसकी एक बड़ी वजह थे स्टार इंडिया के पूर्व सीईओ पीटर मुखर्जी. वे भारतीय मीडिया जगत में एक बड़ा नाम माने जाते हैं. उनकी पत्नी इंद्राणी ने ही इस कत्ल की साजिश रची थी. मामला इतना उलझ गया कि केस सीबीआई को दे दिया गया. एक-एक करके इस मामले में कुल तीन लोग फंसे लेकिन कुछ दिन पहले ही पीटर मुखर्जी को भी सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया.

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हेमा उपाध्याय

हेमा-हरीश मर्डर केस

मुंबई के कांदिवली इलाके के एक नाले से कार्टून में बंद लाश मिलती हैं. पुलिस शिनाख्त कराती है तो पता चलता है कि लाश मशहूर आर्टिस्ट हेमा उपाध्याय और उनके वकील हरीश भंबानी की थी. दोनों ही लापता थे. हेमा का अपने पति से रिश्ता ठीक नहीं था. तलाक के लिए वकील हरीश उसकी मदद कर रहे थे. मगर उनकी हत्या ने पुलिस को उलझा दिया. पुलिस ने खूब माथापच्ची कर कड़ियां जोड़ी और इस डबल मर्डर केस में वाराणसी से साधु राजभर नामक आरोपी को गिरफ्तार किया. यूपी एसटीएफ और मुंबई पुलिस ने साझा अभियान में वाराणसी के कवि रामपुर पेट्रोल पंप से उसे गिरफ्तार किया. राजभर ने कबूल कर लिया है कि उसने ही हेमा और हरीश की गला घोंट कर हत्या की थी. मुंबई पुलिस साधु राजभर को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर मुंबई लाने की तैयारी कर रही है. उसके पास से हेमा और हरीश के एटीएम और क्लब कार्ड बरामद हुए. कत्ल के बाद वह ट्रेन से वाराणसी भाग गया था. उसने इस जुर्म में शामिल एक अन्य आरोपी विद्या सागर राजभर के नाम का भी खुलासा किया. साधु का कहना है कि उसने यह सब अपने विद्या के इशारे पर किया. विद्या राजभर मुंबई में एक फोटो फ्रेमिंग वर्कशॉप का मालिक और हेमा का जानकार भी.

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तिहाड़ जेल

तिहाड़ जेल के दो कैदियों की हत्या

देश सबसे सुरक्षित माने जाने वाली तिहाड़ जेल में बंद दो कैदियों की हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड की वजह बनी एक गैंगवार. लेकिन फिर भी बड़ा सवाल था कि आखिर इस हत्या की साजिश कैसे रची गई. दरअसल, इस वारदात की कहानी पहले ही लिखी जा चुकी थी. नीतू बावोदिया और नीरज बवाना गैंग के बीच यह दुश्मनी लगभग दस साल पुरानी है. जब भी मौका मिलता ये दोनों गैंग एक-दूसरे के लोगों की जान लेने लगे. पुलिस और जेल प्रशासन इस गैंगवार से अच्छी तरह वाकिफ था. फिर भी जेल प्रशासन और पुलिस ने नीरज को एक ऐसा मौका दे दिया, जिसकी उसे कई साल से तलाश थी. कैदियों को ले जाने वाली वैन में कुल 9 लोग सवार थे. जिसमें सात नीरज गैंग के जबकि दो नीतू गैंग के थे. जिसमें नीतू गैंग का सरगना पारस भी शामिल था. नीरज ने जेल से कोर्ट जाते वक्त ही पारस और उसके साथी प्रदीप को खत्म करने की साजिश रच डाली. नीरज ने उस वक्त अपनी साजिश को अंजाम दे डाला जब वे कोर्ट से वापस जेल लौट रहे थे. लेकिन साजिश का खुलासा देर से हुआ. इस मामले में पुलिस और जेल प्रशासन को शक की निगाह से देखा गया.

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अवैध संबंधों ने कराई तीन की हत्या

अवैध संबंधों की वजह से हुआ ट्रिपल मर्डर

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ट्रिपल मर्डर का मामला सामने आया. पुलिस तफ्तीश के दौरान परेशान थी कि आखिर कत्ल किसने और क्यों किया. मामला एक हाई प्रोफाइस परिवार से जुड़ा था. जब पुलिस ने कड़ी मेहनत की लेकिन हत्या का सुराग नहीं लग पा रहा था. पुलिस दिन रात मामले को सुलझाने की कोशिश कर रही थी. और जब पुलिस ने इस तिहरे हत्याकांड का खुलासा किया तो हर कोई हैरान रह गया. क्योंकि इस ट्रिपल मर्डर को अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि मृतक डॉक्टर के दो सगे भाई थे. दरअसल, एक भाई की पत्नी के साथ डॉक्टर के अवैध संबंध थे और साथ ही पैसों के लेन-देन का विवाद भी चल रहा था. बस इसी वजह से दो छोटे भाईयों ने मिलकर इस दहला देने वाले हत्याकांड को अंजाम दिया.

बैग में कटे हुए दो लड़कियों के सिर

ट्रॉली बैग में कटे हुए सिर

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में कमियापुर गांव की पुलिया के नीचे लोगों ने एक नया सा ट्राली बैग पड़ा हुआ देखा. पुलिस को खबर की गई. पुलिस ने मौके पर जाकर बैग खोला तो सब हैरान रह गए. बैग में दो जवान लड़कियों के कटे हुए सिर थे. लेकिन उनके धड़ का कुछ अता-पता नहीं था. सीतापुर पुलिस ने पूरा जिला खंगाल लिया लेकिन उनके धड़ नहीं मिले. आस-पास के जिलों को खबर दी गई. कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था. उधर, कुछ दिन बाद लखनऊ पुलिस को शहर के बाहरी इलाके में दो अलग-अलग स्थानों से दो सूटकेस बरामद हुए. जिनमें दो धड़ मिले. मेडिकल जांच के बाद पता चला कि वो धड़ उन्हीं लड़कियों के थे. मगर लड़कियों की पहचान नहीं हो पाई. पुलिस अभी भी इस मामले की जांच में जुटी है.

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