छत्तीसगढ़ में पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है. जहां सर्वाधिक नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में लगभग दो दर्जन नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इनमें तीन इनामी नक्सली भी शामिल हैं.
बस्तर जिले के पुलिस अधीक्षक आर.एन. दास ने बताया कि जिला मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 23 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है. समर्पण करने वाले नक्सलियों में तीन जनमिलिशिया कमांडर, एक जन मिलिशिया डिप्टी कमांडर, चार डीएकेएमएस सदस्य, 10 जन मिलिशिया सदस्य और पांच संघम सदस्य शामिल हैं.
पुलिस अधीक्षक दास ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में जनमिलिशिया कमांडर कमलेश नाग, जनमिलिशिया कमांडर तुलसी राम नाग और जन मिलिशिया प्लाटून कमांडर नरेश कुमार कश्यप के सिर पर एक-एक लाख रूपए का ईनाम घोषित है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों के पास राशन कार्ड और आधार कार्ड हैं, जबकि चार नक्सलियों के पास इंदिरा आवास और 20 नक्सलियों के पास मतदाता परिचय पत्र हैं और 14 नक्सलियों का बैंक में खाता भी है.
पुलिस के मुताबिक शासकीय दस्तावेज रखने का कारण यह है कि जो भी निचले स्तर के नक्सली हैं, वह स्थानीय नक्सली हैं और यह देशी हथियार लेकर घूमते हैं. स्थानीय नक्सली ही नक्सलियों की सबसे बड़ी ताकत होते हैं. पुलिस चाहती है कि स्थानीय नक्सली आत्मसमर्पण करें और पुलिस के साथ मिलकर बाहरी नक्सलियों का मुकाबला करें.
दास ने बताया कि कई सामाजिक संगठन आरोप लगाते हैं कि पुलिस ऐसे आदिवासियों का भी समर्पण करवाती है, जो नक्सली नहीं है. लेकिन इससे साफ हो रहा है कि नक्सली भी शासन द्वारा जारी दस्तावेज रखते है जो उनकी रणनीति का हिस्सा है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सली संगठन के सदस्यों को प्रोत्साहन राशि के रूप में शासन की ओर से दस-दस हजार रूपए दिए जा रहे हैं. इन्हें पुनर्वास नीति के अन्य लाभ भी दिए जाएंगे.