दिल्ली के बवाना इलाके में रहने वाले एक परिवार का तीन साल का मासूम घर के बाहर से अचानक गायब हो गया. इस गुमशुदगी ने घरवालों को तब और बेचैन कर दिया, जब उन्हें बच्चे को रिहा करने के बदले में 75 लाख रुपये की फिरौती के लिए फोन कॉल आने लगे.
और तो और अपहरण करनेवालों ने इस सिलसिले में पुलिस को कुछ बताने पर बच्चे की जान लेने की धमकी भी दी और कहा कि वो चुपचाप बताई हुई जगह पर रुपये लेकर पहुंच जाएं.
हालांकि, परिवार ने पुलिस को खबर की और पुलिस ने ना सिर्फ 6 घंटे में बच्चे को अपहरण करनेवालों के चंगुल से आजाद कराया, बल्कि अपहरणकर्ताओं के तौर पर खुद इस परिवार के पड़ोसियों का चेहरा बेनकाब कर दिया. पुलिस की जांच से इस बात का खुलासा हुआ कि पीड़ित परिवार के पड़ोस में रहने वाले एक भाई-बहन और उनकी मां ने मिलकर मासूम को अगवा कर लिया था.
पुलिस के मुताबिक पीड़ित बच्चे के पिता कारों की खरीद-फरोख्त का कारोबार करते हैं. रविवार को उनका बेटा घर के बाहर खेलते हुए अचानक गायब हो गया और जब काफी तलाशने के बाद भी वो नहीं मिला, तो घरवालों ने बवाना थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई.
इस बीच पुलिस को परिवार से पता चला कि बच्चे के पिता के मोबाइल फोन पर किडनैपर के फोन आ रहे हैं. फोन साइलेंट पर होने की वजह से बच्चे के पिता फोन नहीं सुन पाए थे, लेकिन जब चौथी बार फोन आया तो बच्चे की बुआ ने फोन उठाया और तब उससे 75 लाख रुपये मांगे गए. अब पुलिस ने कॉलर का फोन नंबर सर्विलांस पर लगाया. सीसीटीवी फुटेज खंगाली और जल्द ही किडनैपर्स तक पहुंच गई.
पुलिस की टीम ने दरियापुर गांव के एक मकान में छापेमारी की और एक भाई-बहन और उनकी मां को बच्चे के साथ पकड़ लिया. तीनों ने मिलकर मासूम को अगवा किया था और उसे अपने मकान में हाथ-पैर बांधकर रजाई पर लिटा रखा था.
किडनैपर ना सिर्फ बच्चे के परिवार के बारे में पूरी जानकारी रखते थे, बल्कि बच्चा भी इनको अच्छी तरह से जानता था. लेकिन आरोपियों को एक ही झटके में पैसा कमाने की लालच ऐसी लगी कि उन्होंने गुनाह कर डाला और पकड़े गए.