छत्तीसगढ़ में सस्ते दर पर फ्लैट दिलाने के नाम पर लोगों से 50 करोड़ रुपये ठग चुकी एक कंपनी के 4 डायरेक्टर्स को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने हालांकि अभी इस बात का खुलासा नहीं किया है कि आरोपियों की गिरफ्तारी कब, कहां और कैसे की गई. पुलिस ने अभी इतना ही बताया है कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.
पुलिस ने हालांकि आरोपियों की पहचान जरूर उजागर कर दी है. पुलिस ने बताया कि अधिराज बिल्डर्स एंड डेवलपर्स नाम की कंपनी के जरिए करोड़ों की ठगी करने के आरोप में संतोष श्रीवास्तव, संदीप बदोरकर, जीतेंद्र भाटिया और ज्योति भाटिया को गिरफ्तार किया गया है.
जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार चारों आरोपियों के खिलाफ रायपुर, रायगढ़ और कोरबा जिलों में धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के 10 से अधिक मामले दर्ज हैं. आरोपियों ने छत्तीसगढ़ के 27 ससे अधिक जिलों में अधिराज बिल्डर्स के नाम से कंपनी के दफ्तर खोलकर सैकड़ों लोगों की गाढ़ी कमाई लूट ली.
यह कंपनी लोगों को सस्ते दरों पर फ्लैट और डूप्लेक्स दिलाने का लालच दिखाती थी. कम कीमत पर अपना मकान खरीदने के लालच में करीब 200 निवेशकों ने चेक के जरिए 10 करोड़ रुपये इस कंपनी में जमा करवाए थे, जबकि 40 करोड़ की रकम कंपनी को नकद में मिली.
ठगी का शिकार हुए लोगों का आरोप है कि करीब चार साल तक कारोबार करने के बाद इस कंपनी के दफ्तर एक के बाद एक बंद होने लगे और डायरेक्टर भी गायब हो गए. पुलिस के मुताबिक, 2012 में इस कंपनी ने राज्य के कई जिलों में अपनी पैठ जमा ली थी.
लोगों को शहर के आउटर इलाको में जमीनों के नक़्शे दिखाए गए, आलिशान होटलों में बुकिंग स्किम के जरिए लोगों को महंगा भोजन कराया गया. इससे कंपनी के प्रति लोगों का विश्वास जम गया और उन्होंने जमकर निवेश किया.
देखते ही देखते इस कंपनी का कारोबार 50 करोड़ का भी आकड़ा पार कर गया. इस कंपनी ने बिलासपुर में अच्छा ख़ासा कारोबार किया था. लेकिन रकम इकठ्ठा कर अचानक इसके कर्ता धर्ता गायब हो गए. इससे निवेशकों में खलबली मच गई. फिर एक के बाद एक तमाम जिलों में कंपनी के दफ्तरों में ताला लटक गया. जिसके बाद ठगी का शिकार हुए लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करानी शुरू की.