छत्तीसगढ़ के सुकमा में 59 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. इसमें ज्यादातर नक्सली संगम सदस्य और जनमिलिशिया के कार्यकर्ता हैं. समर्पण करने वाले आरोपी नक्सली गगनपल्ली, मनिकुंटा और डब्बाकोंटा इलाके में सक्रिय थे. इतनी अधिक तादाद में एक साथ आत्मसमर्पण करने से पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान खुश हैं.
पुलिस के मुताबिक, इस साल का यह अब तक का सबसे बड़ा समर्पण है. सुकमा धुर नक्सल प्रभावित इलाका है. यहां आए दिन नक्सली किसी न किसी बड़ी वारदात को अंजाम देते रहे हैं. इसी महीने नक्सलियों ने सुकमा में IED ब्लास्ट कर एक एंटी लैंड माइन वाहन को उड़ा दिया था, जिसमें 9 जवान शहीद हो गए थे.
आत्मसमर्पित नक्सलियों में 42 पुरुष गगनपल्ली गांव के है, 1 मनिकोंटा का और 16 महिलाएं डब्बाकोंटा इलाके से हैं. ये सभी नक्सलवाद छोड़ समाज के मुख्यधारा से जुड़ना चाहते हैं. कुछ दिनों पहले हुए नक्सली हमले के बाद मुख्यमंत्री रमन सिंह ने एंटी नक्सल ऑपरेशन को तेजज करने के निर्देश दिए थे, जिसका असर देखने को मिल रहा है.
सात नक्सलियों को किया गिरफ्तार
इससे पहले सुकमा के किस्टाराम के पलोड़ी क्षेत्र में एंटीलैंडमाइन व्हीकल विस्फोट में नौ जवानों के शहीद होने के मामले में सुरक्षाबलों ने सात नक्सलियों को गिरफ्तार किया था. डीआईजी पी. सुंदरराज ने कहा कि एसटीएफ, सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के जवानों चलाए गए संयुक्त अभियान में छापेमारी के दौरान सभी नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई.
किस्टाराम के निवासी है नक्सली
उन्होंने कहा कि गिरफ्तार नक्सलियों में कोमरम सादे उर्फ सहदेव, मड़कम जोगा, मड़कम हिड़मा, माड़वी सुक्का, मड़कम गंगा, वंजाम आयता और वंजाम सिंगा शामिल हैं. यह सभी जनमिलिशिया सदस्य हैं और किस्टाराम के निवासी बताए जा रहे हैं. सुरक्षाबल के जवानों का दावा था कि यह उस घटना में पूरी तरह शामिल थे.
नक्सलियों ने की 2 लोगों की हत्या
उधर, झारखंड के हजारीबाग जिले में संदिग्ध नक्सलियों ने गुरुवार को दो लोगों की हत्या कर दी. पुलिस के अनुसार, नक्सलियों ने के. श्यामलाल महतो और घनश्याम महतो का नवादीह गांव स्थित उनके घर से अपहरण किया और उन्हें जंगल में ले गए. नक्सलियों ने दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी. दोनों मृतकों को 'पुलिस का मुखबिर' बताया था.