भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि उन्हें अन्ना हजारे को हिरासत में लिये जाने पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ है. उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचार से मुकाबला करने की बजाए बली का बकरा तलाशने और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को रोकने का आरोप लगाया.
आडवाणी ने कहा, ‘मुझे इस घटनाक्रम पर कोई आश्चर्य नहीं हुआ है. सरकार इसी दिशा में आगे बढ़ रही है. वह भ्रष्टाचार से निपटने और जिम्मेदारी स्वीकार करने की बजाए बली का बकरा ढूंढ रही है और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर अंकुश लगा रही है.’
आडवाणी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को अनशन शुरू करने से पहले पुलिस की ओर से हिरासत में लिये जाने के बारे में पूछ गए प्रश्न का उत्तर दे रहे थे. लोकपाल विधेयक के संसद में पेश किये जाने के मद्देनजर सरकार की ओर से हजारे को अपना पक्ष संसद की स्थायी समिति के समक्ष रखने को कहने के बारे में पूछे जाने पर आडवाणी ने कहा, ‘यह मुद्दा नहीं है.
सरकार को क्यों शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाना चाहिए.’ कांग्रेस की ओर से हजारे पर लगाये गए भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर आडवाणी ने कहा, ‘मैं इस विषय में कुछ नहीं कहना चाहता हूं क्योंकि मुझे सभी तथ्यों की जानकारी नहीं है. लेकिन उन्होंने (हजारे) इसका पहले ही उत्तर दे दिया है.’
आडवाणी ने कहा कि राजग नेता इस विषय पर थोड़ी देर में चर्चा करेंगे और इस मुद्दे पर संसद में अपनी रणनीति तय करेंगे. सूत्रों ने बताया कि ऐसी संभावना है कि राजग हजारे को हिरासत में लिये जाने के मुद्दे को संसद में जोरशोर से उठा सकती है.