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अब अन्‍ना पर बदलने लगे कांग्रेस के सुर

अरुणा रॉय भले ही अन्ना से कुछ मुद्दों पर सहमत ना हों, लेकिन अन्ना के जनसमर्थन का दबाव कांग्रेस के सांसदों पर असर दिखाने लगा है.

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अन्‍ना की हालत पर पैनी नजर
अन्‍ना की हालत पर पैनी नजर

अरुणा रॉय भले ही अन्ना से कुछ मुद्दों पर सहमत ना हों, लेकिन अन्ना के जनसमर्थन का दबाव कांग्रेस के सांसदों पर असर दिखाने लगा है. कल तक जन लोकपाल के खिलाफ बोल रहे कांग्रेसी सांसद भी अब अन्ना के सुर में सुर मिलाने लगे हैं. कांग्रेस के एक सांसद ने तो संसद की स्थायी समिति के सामने टीम अन्ना के लोकपाल का मसौदा ही पेश कर दिया है.

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जनांदोलन की इस हुंकार ने कांग्रेस को भी अन्ना-अन्ना करने पर मजबूर कर दिया है. अन्ना हजारे के समर्थन में सुर अब पार्टी के अंदर ही उठने लगे हैं. यहां तक कि कांग्रेस के बरेली के सांसद प्रवीण सिंह एरन ने स्टैंडिंग कमेटी के सामने जनलोकपाल बिल पेश कर दिया है. उन्होंने 18 अगस्त को बिल पेश करते हुए सरकारी लोकपाल बिल को कमजोर बताया है.
 अन्‍ना की अनोखी अदायें... | अन्‍ना गिरफ्तार

प्रवीण सिंह ऐसे पहले कांग्रेसी सांसद हैं, जो खुलकर अन्ना टीम के समर्थन में आगे आ गए हैं, जबकि पाली के कांग्रेस सांसद बद्रीराम जारवड़ भी जगह-जगह आंदोलन का समर्थन करने लगे हैं.

रामलीला मैदान में अन्‍ना 'लीला' । अलबेले समर्थक...

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इस बीच केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने भी चंडीगढ़ में कहा कि अन्ना की गिरफ्तारी को लेकर वो भी दुखी थीं और इस बारे में सासंद संदीप दीक्षित की राय से कई कांग्रेसी इत्तेफाक रखते हैं..

हालत ये है कि हर मोर्चे पर सरकार को बचा ले जाने वाले वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी भी इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से बचने लगे हैं. जाहिर है अगर कांग्रेस जनता की आवाज को दबाना भी चाहे तो उसे पहले पार्टी के अंदर हो रही सुगबुगाहट से निपटना होगा.

देश को गद्दारों से है खतरा: अन्‍ना हजारे | फोटो

दूसरी ओर अन्ना हज़ारे के समर्थकों को कांग्रेस नेताओं की तल्ख बयानबाज़ी बर्दाश्त नहीं हो रही. वो चुन-चुन कर उन नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, जिन्होंने अन्ना के विरोध में कोई बयान दिया हो. फर्रुखाबाद में सलमान खुर्शीद को अन्ना समर्थकों ने काले झंडे दिखाए, जबकि कानपुर में राजीव शुक्ला के घर के सामने बैठकर की गई नारेबाजी.

'हद पार न करे टीम अन्‍ना' | अन्‍ना गिरफ्तार

फर्रुखाबाद में खुर्शीद पहुंचे थे रोजा इफ्तार पार्टी में शिरकत करने, लेकिन जिस सड़क से उनके काफिले को गुजरना था. वहां अन्ना समर्थक सड़क पर लेट गए.

आनन-फानन में पुलिस ने समर्थकों के काले झंडे छीनकर फेंक दिए और समर्थकों की पिटाई भी की, लेकिन अन्ना को दूसरा गांधी बताने वाले समर्थकों का ये तरीका सलमान खुर्शीद को गांधीवादी नहीं लगा.

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कानपुर में केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला के घर पर प्रदर्शन हुआ. राजीव शुक्ला ने अन्ना को मर्यादा में रहने की नसीहत क्या दी, अन्ना के समर्थक दर्शनपुरवा में उनके पुश्तैनी घर पहुंच गए और घर के बाहर बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी.

देश में अन्ना की लहर ऐसी चली है कि कोई उनके खिलाफ एक शब्द नहीं सुनना चाहता और तो और आजादी और गांधी शब्दों का इस्तेमाल भी शायद पहली बार कांग्रेस के ही खिलाफ हो रहा है.

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