अन्ना हजारे को बदनाम करने की एक और साज़िश का पर्दाफ़ाश हुआ है. सेना ने साफ़ कर दिया है कि अन्ना हजारे कभी भगोड़े नहीं रहे.
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आरटीआई के तहत पूछे गए सवाल का सेना ने जवाब दिया है, जिसमें कहा गया है कि सिपाही किसन हजारे अपनी नौकरी पूरी करने के बाद बाइज़्ज़त रिटायर हुए थे. 12 साल की नौकरी में अन्ना को सेना की ओर से 5 मेडल भी दिए गए थे. सेना के जवाब में ये भी कहा गया है कि अन्ना को पूरी नौकरी के दौरान कभी कोई सज़ा नहीं दी गई थी.
दिल्ली के आरटीआई कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल ने आरटीआई के तहत सेना से सवाल पूछा था. सेना के जवाब से साफ़ हो गया कि अन्ना और उनके आंदोलन को बदनाम करने के लिए क्या कुछ किया जा रहा है.
गौरतलब है कि पिछले हफ़्ते कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने अन्ना पर कई तरह के आरोप लगाए थे और अन्ना को सेना का भगोड़ा बताया था.