संसद में जनलोकपाल बिल पेश करने और उसे पारित कराने को लेकर अन्ना हजारे का अनशन पांचवें दिन भी जारी है. इस बीच कांग्रेस ने कहा है कि यदि अन्ना हजारे की टीम लोकपाल के मुद्दे पर उससे संपर्क करती है, तो वह बातचीत के लिए तैयार है.
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रामलीला मैदान में अन्ना हजारे के अनशन से उत्पन्न स्थिति पर प्रधानमंत्री ने शुक्रवार रात को वरिष्ठ मंत्रियों के साथ करीब एक घंटे तक बैठक की. टीम अन्ना के साथ बातचीत करने की बात बैठक के बाद ही सामने आई.
तिहाड़ से रामलीला मैदान पहुंचे अन्ना | आपकी तस्वीरें
पार्टी से जुड़े महत्वपूर्ण सूत्रों ने बताया कि उन्हें अन्ना हजारे के नेतृत्व वाली सिविल सोसायटी के साथ बातचीत करने में कोई परेशानी नहीं है और वह इसके लिए तैयार हैं. पार्टी के कई नेताओं ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि सरकार को टीम अन्ना से फिर से बातचीत करनी चाहिए.
ये हैं अन्ना के अलबेले समर्थक... | सड़कों पर समर्थन
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक घंटे तक चली कांग्रेस कोर समूह की बैठक में प्रणव मुखर्जी, पी. चिदंबरम, ए. के. एंटनी और सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल सहित अन्य सदस्यों ने भाग लिया.
वैसे सरकार से अनशन की इजाजत लेने में अन्ना हजारे ने मैदान तो मार लिया, लेकिन रामलीला मैदान से पार पाना मुश्किल है.
रामलीला मैदान में अन्ना 'लीला' । अनोखे समर्थक
दिल्ली के रामलीला मैदान में रात भर जेसीबी मशीनें चलती रहीं. लबालब भरे मैदान को किसी तरह समतल करने की कोशिश जारी रही, ताकि किसी तरह मैदान आंदोलन के लिए तैयार हो जाए, लेकिन बारिश ने मैदान तैयार करने का पिछला काम धो डाला था.
समर्थन में सड़क पर जनता | अन्ना हुए गिरफ्तार
एमसीडी की लाख कोशिशें भी आंदोलनकारियों को राहत नहीं दे पाईं. बारिश से मैदान का पिछला हिस्सा पानी से लबालब भर गया और रात में इस जगह पर खड़ा होना बेहद मुश्किल हो गया.
कैदियों पर चला अन्ना का जादू | LIVE अपडेट
रातभर मैदान के अधिकतर हिस्से में भरे पानी के ऊपर रेत डालने और उसे सपाट करने का काम चलता रहा. एमसीडी की जेसीबी मशीनों की आवाज गूंजती रहीं, इस दावे के साथ कि नई सुबह में सबकुछ सामान्य दिखेगा.
रामलीला मैदान तैयार करने में जुटे लोग चाहे जो कहें, लोगों ने दिन में ही जता दिया कि उन्हें खुद पर ज्यादा भरोसा है. अन्ना के आंदोलन से जुड़कर अगर मैदान मारना है, तो उसे जंग के लायक खुद ही तैयार करना होगा. बहरहाल, पूरे देश की निगाहें इस आंदोलन की ओर टिकी हुई हैं.