सरकार अन्ना के बढ़ते जन समर्थन से बेचैन है. टीम अन्ना से समझौते का ब्लू प्रिंट तैयार करने के लिए राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने मंगलवार आधी रात तक माथापच्ची की और आज सरकार ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है.
रामलीला मैदान की ये हलचल कहीं किसी महाभारत में ना बदल जाए, इस आशंका ने केंद्र सरकार की बेचैनी बढ़ा दी है. मंगलवार को पूरे दिन सरकार सिर्फ अन्ना हज़ारे का अनशन खत्म कराने का रास्ता तलाश करती रही.
पहले प्रधानमंत्री ने अन्ना हज़ारे को खत लिखा. फिर टीम अन्ना को बातचीत का बुलावा भेजा गया. बात करने की जिम्मेदारी सरकार के संकटमोचक वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने खुद संभाली. टीम अन्ना ने सरकार को साफ-साफ बता दिया कि अन्ना कोरे आश्वासन पर नहीं मानने वाले.
सरकार को पता है कि अन्ना की सेहत बिगड़ रही है. कहीं सेहत के साथ ना बिगड़ जाए, इसलिए जल्दी फैसला करना था. लिहाज़ा नॉर्थ ब्लॉक से टीम अन्ना के रवाना होते ही सात रेसकोर्स रोड पर प्रधानमंत्री ने राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की आपात बैठक बुला ली. सूत्रों के मुताबिक, इस मीटिंग में यूपीए सरकार के सभी वरिष्ठ मंत्री मौजूद थे. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने टीम अन्ना के साथ हुई बातचीत का ब्यौरा पेश किया, जिस पर करीब दो घंटे तक ये माथापच्ची होती रही कि अब अन्ना को राज़ी करने के लिए सरकार क्या-क्या कर सकती है. सरकार के सामने संकट ये है कि लोकपाल का मामला संसद में है. ऐसे में सरकार अन्ना हज़ारे की मांगें किस हद तक मान सकती है और उसके लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं, इस पर सीसीपीए में विचार-विमर्श हुआ. मीटिंग में सर्वदलीय बैठक के लिए सरकार की रणनीति का खाका भी तय किया गया.
सीसीपीए की मीटिंग खत्म होते ही कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक शुरू हो गई. कोर कमेटी की बैठक में राहुल गांधी मौजूद नहीं थे. माना जा रहा है कि राहुल ने दिन में ही प्रधानमंत्री से मुलाकात कर अपनी राय बता दी थी. रात करीब एक बजे तक कांग्रेस अपनी रणनीति को अंतिम रूप देती रही. पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस नेताओं को यकीन है कि वो बहुत जल्द अन्ना हज़ारे को अनशन खत्म करने के लिए राज़ी कर लेंगे.