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कौन-सा मोड़ लेगा अन्‍ना का आंदोलन?

अन्ना हजारे का अनशन दसवें दिन में प्रवेश कर गया और उनके हजारों समर्थकों ने उनकी कुशलक्षेम के लिए प्रार्थना की. हजारे समर्थक रातभर बड़ी संख्या में रामलीला मैदान में डटे रहे और देशभक्ति गीत गाते रहे तथा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे.

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पूरे देश में फैला आंदोलन
पूरे देश में फैला आंदोलन

सरकार और अन्ना हजारे के बीच पिछले दस दिन से जारी गतिरोध समाप्त होने के संकेत मिलने लगे हैं. सरकार ने गुरुवार रात जन लोकपाल विधेयक के प्रमुख मुद्दों पर शुक्रवार को संसद में चर्चा कराने की घोषणा करके अन्ना हजारे के अनशन को समाप्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाया.

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हजारे ने पिछले दस दिन से जारी अपने अनशन को समाप्त करने के लिए सार्वजनिक तौर पर तीन शर्तों का ऐलान किया. उनका कहना था कि तमाम सरकारी कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाया जाए, तमाम सरकारी कार्यालयों में एक नागरिक चार्टर लगाया जाए और सभी राज्यों में लोकायुक्त हो.

पढ़ें: कैसा रहा आंदोलन का दसवां दिन

सरकार के रुख में सकारात्मक परिवर्तन आने के बाद रामलीला मैदान में अन्ना के अनशन की दसवीं रात प्रदर्शनकारियों में खासा उत्साह देखा गया और वे अन्ना के समर्थन में जमकर नारे लगाते रहे.

इसके एक दिन पहले टीम अन्ना के सदस्यों ने सरकार के अड़ियल रवैये की घोषणा मंच से की थी जिसको लेकर हजारे समर्थकों में खासी प्रतिक्रिया देखी गई थी लेकिन दसवें दिन प्रदर्शनकारियों में जोश और उत्साह का नया संचार देखा गया. आधी रात के बाद भी लोगों का जत्था आना जारी रहा और पूरा मैदान नारों से गूंजता रहा.

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अन्‍ना के आंदोलन के नौवें दिन का अपडेट

अन्ना हजारे पक्ष और सरकार के प्रतिनिधियों के बीच पिछले 24 घंटों के दौरान हुई बातचीत बुधवार रात अचानक ऐसे मोड़ पर पहुंच गई जहां लगा कि मतभेद और गहरा गए और सरकार ने एक कदम आगे बढ़ाया तो तीन कदम पीछे खींच लिए.

यह इसलिए हुआ कि केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से हुई बातचीत के बाद टीम अन्ना ने सरकार के खिलाफ जमकर आग उगला और उसके बाद सफाई देने के लिए खुद मुखर्जी को रात के साढ़े बारह बजे सामने आना पड़ा, जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया.

बहरहाल, साफ शब्दों में कहा जाए तो दोनों पक्षों के बीच सम्भवत: विश्वास की कमी के चलते वार्ता विफल हो गई और गतिरोध बरकरार है. इसके बावजूद दोनों पक्ष वार्ता जारी रखने को तैयार हैं.

पढ़ें: अन्‍ना के आंदोलन के आठवें दिन का अपडेट

अनशन के आठवें दिन अन्ना हज़ारे की टीम एक ओर उनकी सेहत को लेकर चिंता में थी, तो वहीं आंदोलन की कामयाबी की उम्मीदें थोड़ी राहत लिए आईं. अनशन के आठवें दिन सरकार ने पहली बार खुलकर और खुले मन से बात की. बातचीत के पहले ही दौर में सरकार ने टीम अन्ना की कई महत्वपूर्ण मांगों पर सहमति जता दी.

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सरकार अब प्रधानमंत्री को इस बिल के दायरे में लाने पर राजी हो गई है. संसद में सांसदों के व्यवहार को इस बिल के दायरे में लाने पर सरकार थोड़े फेरबदल के साथ राजी हो गई है. भ्रष्टाचार के मामलों को सीबीआई की एंटी करप्शन यूनिट की बजाय जन लोकपाल के दायरे में लाया जाए, सरकार इस पर भी राजी है.

टीम अन्ना न्यायपालिका को भी जन लोकपाल के दायरे में लाना चाहती है, जबकि सरकार इस पर अलग बिल पेश करने के मूड में है. दोनों पक्ष अब सहमत हैं कि जन लोकपाल के साथ ही सरकार इस नए बिल को पेश करे और पास कराए.

समझौते का पेच अब अटका है सिर्फ तीन मुद्दों पर. इन मुद्दों पर विचार करने के लिए सरकार ने बुधवार सुबह तक का वक्त मांगा है. अब टीम अन्ना ही नहीं, बल्कि सरकार भी बेचैन है कि मामला जल्द से जल्द सुलझे, ताकि अन्ना की सेहत और बिगड़ने से पहले बात बन जाए.

अन्‍ना के आंदोलन के सातवें दिन का अपडेट

अन्‍ना के अनशन के सातवें दिन अन्‍ना की सेहत पर असर दिखना शुरू हो गया. पहली बार ऐसा हुआ कि अन्‍ना ने अपने समर्थकों को संबोधित नहीं किया और आराम करने चले गए. दूसरी ओर सरकार अन्‍ना मसले पर मंथन करने में लगी रही. सरकार ने भय्यू जी महाराज के जरिए अन्‍ना के पास 11 सूत्री प्रस्‍ताव भेजकर सुलह की कोशिशें भी तेज कर दी.

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उधर टीम अन्‍ना ने भी बातचीत के संकेत दिए लेकिन साथ ही यह भी कहा कि सरकार सीधे सीधे बात करे. इस आंदोलन ने आम लोगों का ये भ्रम दूर कर दिया है कि आंदोलन सिर्फ पुलिस से झड़प और गला फाड़ नारेबाज़ी का नाम है. रामलीला मैदान में बीती रात जो नज़ारा था, वो किसी उत्सव या मेले से कम नहीं था.

अन्‍ना के आंदोलन के छठे दिन का अपडेट

अन्‍ना के आंदोलन के छठे दिन सरकार ने लोकपाल मुद्दे पर गतिरोध तोड़ने की कोशिश के तहत अन्ना हजारे के पास रविवार रात एक प्रस्ताव भेजा लेकिन ‘टीम अन्ना’ ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसमें नया कुछ भी नहीं है. दरअसल, सरकार ने पिछले दरवाजे से हजारे तक पहुंचने के बाद यह प्रस्ताव भेजा.गौरतलब है कि जन लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर हजारे छह दिनों से अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं. महाराष्ट्र के शीर्ष नौकरशाह अतिरिक्त मुख्य सचिव उमेश चंद्र सारंगी ने सामाजिक कार्यकर्ता हजारे से दो बार मुलाकात की.
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रामलीला मैदान पर रविवार सुबह टीम अन्ना की कोर समिति की बैठक हुई, जिसमें प्रशांत भूषण, शांतिभूषण, अरविंद केजरीवाल, स्वामी अग्निवेश और किरण बेदी मौजूद ने गंभीर चर्चा की. टीम अन्‍ना सरकार से बात करने के लिए तैयार है, पर सरकार की ओर से अबतक बातचीत की पहल नहीं की गई है.

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पढ़ें आंदोलन के पांचवें दिन का अपडेट | फोटो  

रामलीला मैदान में अन्ना के समर्थकों का हुजूम भ्रष्टाचार के खिलाफ हुंकार भर रहा है. हर बीतते पल के साथ यह सवाल गहराने लगा है कि आखिर अन्ना का अनशन खत्म कैसे होगा.

19 अगस्‍त: आंदोलन के चौथे दिन का अपडेट

टीम अन्ना लोकपाल बिल पर अपनी मांग से पीछे हटने को तैयार नहीं और सरकार अन्ना हजारे टीम की मांग अपनी मजबूरी बताने में जुटी है. अन्ना हजारे की टीम ने अल्टीमेटम दिया है कि सरकार संसद में पेश किए गए लोकपाल बिल को वापस ले, उसकी जगह जन लोकपाल बिल संसद में पेश करे और 30 अगस्त तक पास करे.

तीसरे दिन का अपडेट | क्‍या है जन लोकपाल?

अन्ना हजारे की टीम ने यह दावा भी किया कि सरकार चाहे तो 30 अगस्त तक जन लोकपाल बिल पास हो सकता है, लेकिन सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं.

अन्‍ना के आंदोलन के दूसरे दिन का अपडेट

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने खुद कहा कि वो मजबूत लोकपाल बिल के हक में हैं. वे चाहते हैं कि लोकपाल पर राष्ट्रीय सहमति बने, लेकिन अगस्त महीने के अंत तक लोकपाल बिल पास कराना मुमकिन नहीं होगा.

आंदोलन के पहले दिन का अपडेट | LIVE अपडेट

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सरकार द्वारा पेश लोकपाल बिल फिलहाल देश भर से सुझाव हासिल करने के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेजा गया है, लेकिन स्थायी समिति के चेयरमैन राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने भी साफ कह दिया है कि 30 अगस्त तक देश भर से जनता का मत लेना, उसे बिल में शामिल कर संसद में पेश करना मुमकिन नहीं होगा. बहरहाल, पूरे देश की निगाहें इस आंदोलन की ओर टिकी हुई हैं.

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