लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने मंगलवार को कहा कि सदन में पेश किया गया लोकपाल विधेयक पूरी तरह से निष्प्रभावी और बिना दांत-कान वाला है.
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सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के अनशन के कारण देश में बनी परिस्थिति के मुद्दे को सदन में उठाने सम्बंधी अपनी नोटिस पर सुषमा ने कहा कि लोकपाल विधेयक में प्रधानमंत्री को नहीं शामिल किया जाना और लोकपाल की नियुक्ति सरकारी बहुमत वाली समिति द्वारा करने का प्रावधान गलत है.
उन्होंने कहा कि विधेयक में लोकपाल को हटाने की शक्ति भी सरकार के पास है. उन्होंने कहा कि केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में एक के बाद एक घोटाले हो रहे हैं जिस कारण लोगों का गुस्सा सड़कों पर दिख रहा है.
लाखों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर रहे हैं जो बेहद चिंता का विषय है. इस दौरान सदन में सत्ता पक्ष के सांसदों द्वारा किए गए विरोध के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तके लिए स्थगित कर दी गई.