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लोकपाल बिल को लेकर कैबिनेट की बैठक टली

लोकपाल बिल को लेकर सरकार का टालू रवैया अब भी जारी है.इस बिल को लेकर एक बार फिर कैबिनेट की बैठक टल गई है. अब ये शाम को होगी. पहले तय किया गया था कि दोपहर दो बजे लोकपाल पर कैबिनेट की बैठक होगी.दूसरी ओर कांग्रेस के नेताओं को मंत्र दिया गया है कि वे अन्ना के लोकपाल के ख़िलाफ़ क्या दलीलें पेश करें. जनता के  बीच कैसे साबित करें कि अन्ना का लोकपाल बिल सही नहीं है.

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लोकपाल बिल को लेकर सरकार का टालू रवैया अब भी जारी है.इस बिल को लेकर एक बार फिर कैबिनेट की बैठक टल गई है. अब ये शाम को होगी. पहले तय किया गया था कि दोपहर दो बजे लोकपाल पर कैबिनेट की बैठक होगी.

दूसरी ओर कांग्रेस के नेताओं को मंत्र दिया गया है कि वे अन्ना के लोकपाल के ख़िलाफ़ क्या दलीलें पेश करें. जनता के  बीच कैसे साबित करें कि अन्ना का लोकपाल बिल सही नहीं है.

सूत्रों के मुताबिक सरकार ने लोकपाल का ऐसा ड्राफ्ट तैयार किया है जो टीम अन्ना को भले ही मंजूर ना हो लेकिन संसद में विपक्षी दल उसे नकार नहीं पाएंगे. पिछले दो दिनों से जारी उहापोह के बाद आखिरकार वो दिन आ ही गया जब लोकपाल बिल का ड्राफ्ट कैबिनेट में मंजूरी के लिए रखा जाएगा.

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सोमवार कल दोपहर नॉर्थ ब्लॉक में पी चिदंबरम के दफ्तर में संसदीय कार्य मंत्री पवन बंसल, कपिल सिब्‍बल, सलमान खुर्शीद और नारायण सामी समेत सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने लोकपाल के ड्राफ्ट पर माथापच्ची की. बैठक के बाद कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने बिल का ड्राफ्ट पूरा होने की खुशखबरी सुना दी.

बेशक, सरकार ने मसौदा तैयार होने का एलान कर दिया है, लेकिन कई मसलों पर पेंच अभी भी फंसने का संकेत हैं. मसलन, सीबीआई-लोकपाल के मुद्दे पर सहमति नहीं बनी है साथ ही लोकपाल में आरक्षण के मुद्दे पर संवैधानिक गतिरोध होते हुए भी सरकार ने उसे स्वीकार कर लिया है और कई मुद्दों पर मनमोहन सरकार के वकील मंत्रियों में एक राय नहीं है.

इस बीच, आजतक को सूत्रों के हवाले से मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक सरकार ने मौजूदा ड्राफ्ट में तीन दिन के भीतर साठ से ज्यादा बदलाव कर दिए हैं. सरकार ने अन्ना के लोकपाल का प्रक्रियागत रूप तो मान लिया है पर उनके संस्थागत रूप को वो मानने के लिए तैयार नहीं दिखती है.सीबीआई के मुद्दे पर गतिरोध अब भी बना हुआ है.

आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक सरकार सीबीआई को लोकपाल के आधीन करने को तैयार नहीं है. वो ज्यादा से ज्यादा ये कर सकती है कि सीबीआई की जांच शाखा अलग करके उसे लोकपाल के आधीन कर दे. सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति के लिए एक कमेटी बनाने और उस कमेटी में पीएम के साथ नेता प्रतिपक्ष और लोकपाल को रखने के लिए भी सरकार राजी है. हालांकि अन्ना और उनके साथी सीबीआई पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं है.

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सूत्रों के मुताबिक अगर लोकपाल के मसौदे को आज कैबिनेट की हरी झंडी मिल जाती है तो सरकार इसे कल यानी मंगलवार को संसद में रखेगी और 22 दिसंबर को खत्म हो रहे सत्र से पहले पास कराने की कोशिश करेगी. अगर उसमें बात नहीं बनी तो क्रिसमस की छुट्टी के बाद 27, 28 और 29 तारीख को संसद का सत्र बढ़ाया जा सकता है.

हालांकि सरकार अभी आधिकारिक तौर पर संसद का सत्र बढ़ाने पर कोई बयान नहीं दे रही है, लेकिन जिस तरह से कई मुद्दों पर अब भी चीजें साफ नहीं हैं, उसे देखते हुए क्या ये कहा जा सकता है कि इस सत्र में लोकपाल बिल पास हो जाएगा?

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