‘मजबूत’ लोकपाल के मुद्दे पर अनशन करने की अपनी योजना पर कायम रहने और जयप्रकाश नारायण पार्क पर निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने का इरादा जाहिर करने के बाद अन्ना हज़ारे और उनके करीबी साथी कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
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हज़ारे को हिरासत में लेने का नाटकीय घटनाक्रम पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार इलाके स्थित सुप्रीम एनक्लेव में हुआ. 73 वर्षीय हज़ारे द्वारा अपना अनशन शुरू करने से करीब ढाई घंटे पहले सुबह करीब साढ़े सात बजे उन्हें इस आपार्टमेंट से हिरासत में लिया गया. इस दौरान मयूर विहार इलाके में मौजूद उनके सैंकड़ों समर्थकों ने पुलिस कार्रवाई का विरोध किया और नारेबाजी की.
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गृह सचिव आर के. सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि हज़ारे को इसलिये हिरासत में लिया गया है क्योंकि उन्होंने मध्य दिल्ली स्थित जयप्रकाश नारायण पार्क पर अनशन करने और वहां लागू निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने का इरादा जाहिर किया था. अनशन के लिये दिल्ली पुलिस की लगायीं 22 में से छह शर्तों को हज़ारे पक्ष द्वारा मानने से इनकार करने के बाद इस प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गयी थी.
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हज़ारे के करीबी साथी किरण बेदी, अरविंद केजरीवाल और शांति भूषण को राजघाट से हिरासत में लिया गया. लोकपाल विधेयक मसौदा संयुक्त समिति के सदस्य प्रशांत भूषण ने कहा कि पुलिस की यह कार्रवाई पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है. यह कार्रवाई दिखाती है कि सरकार को नागरिकों के मौलिक अधिकारों से कोई लेना देना नहीं है.
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उन्होंने कहा, ‘हम उच्चतम न्यायालय की शरण में जायेंगे.’ उधर, हज़ारे ने अपने समर्थकों को जारी संदेश में कहा कि अब वक्त आ गया है कि ज्यादा से ज्यादा लोग गिरफ्तारी दें क्योंकि यह आजादी की दूसरी लड़ाई है और भ्रष्टाचारियों की असलियत सामने आ गयी है. हज़ारे ने कहा, ‘मेरी और मेरे साथ कई अन्य लोगों की गिरफ्तारी हो रही है, लेकिन यह आंदोलन रुकने नहीं दें. हमें यह लड़ाई जारी रखनी है. यह आजादी की दूसरी लड़ाई है. अब वक्त आ गया है कि ज्यादा से ज्यादा लोग गिरफ्तारियां दें और ऐसे प्रयास करें कि देश में कोई भी जेल खाली नहीं बचे.’
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मयूर विहार, राजघाट, सिविल लाइंस स्थित ऑफिसर्स मेस और अन्य स्थानों पर हज़ारे के समर्थकों को रोकने के लिये पुलिस ने व्यापक इंतजाम किये हैं और कई बसें खड़ी की गयी हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘मुझे इस घटनाक्रम पर कोई आश्चर्य नहीं है.
सरकार इसी दिशा में आगे बढ़ रही है. वह भ्रष्टाचार से निपटने और जिम्मेदारी स्वीकार करने की बजाए बली का बकरा ढूंढ रही है और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर अंकुश लगा रही है.’ किरण बेदी ने कहा, ‘देश में आपातकाल लौट आया है. यह हिरासत अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है.’ जब हज़ारे को मयूर विहार से हिरासत में लिया गया तब वहां उनके साथ करीब 500 समर्थक मौजूद थे.
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस उपायुक्त (अपराध) अशोक चांद सहित कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने सुबह हजारे से मुलाकात की और उनसे जेपी पार्क में अनशन की अपनी योजना पर आगे नहीं बढ़ने का अनुरोध किया जहां निषेधाज्ञा लागू है.
बहरहाल, हज़ारे ने इस अनुरोध को ठुकरा दिया, जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया. पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमने उन्हें इसलिये हिरासत में लिया क्योंकि वह निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने की अपनी योजना से पीछे नहीं हट रहे थे.’
पुलिस कार्रवाई के दौरान हज़ारे के समर्थक ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगा रहे थे. हज़ारे ने अपने संदेश में कहा, ‘मैं आप लोगों से विनती करता हूं कि आंदोलन को हिंसक नहीं होने दें. हमें अहिंसा के रास्ते पर चलना है. किसी भी सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचे और राह चलते लोगों को परेशानी नहीं हो.’ स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में हज़ारे को लोकपाल विधेयक के संसद में पेश होने के बावजूद उनके प्रस्तावित अनशन के लिये जाहिरा तौर पर आड़े हाथ लिया.
इसके बाद दिल्ली पुलिस ने सोमवार रात आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत दरियागंज और आईपी पुलिस थाना क्षेत्र के कुछ इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी. इस इलाके में जयप्रकाश नारायण पार्क भी आता है.