सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के अनशन पर जाने से पूर्व उनके निवास से उन्हें हिरासत किए जाने के बारे में सूचना प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा कि कोई व्यक्ति कितना भी प्रतिष्ठित क्यों न हो उसे कानून का पालन करना ही होगा.
उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि अन्ना ने लोगों से विरोध प्रदर्शन के दौरान किसी तरह की तोड़ फोड़ नहीं करने की बात कही है. उन्होंने कहा, ‘हमें उनकी बात पर पूरा यकीन है लेकिन, क्या कोई इस बात की गारंटी ले सकता है कि इतनी भारी भीड़ में कोई दो चार व्यक्ति भी कानून हाथ में नहीं लेंगे.’
अंबिका ने कहा, ‘विरोध प्रदर्शन पर कोई रोक नहीं है लेकिन इसके लिए औपचारिक रूप से इजाजत लेनी होती है ताकि कानून व्यवस्था की स्थिति कायम रहे.’ उन्होंने कहा यह इसलिए भी जरूरी है कि कुछ हो जाए तो बाद में पुलिस से सवाल किए जाते हैं.
उन्होंने कहा कि पुलिस पर किसी तरह का राजनीतिक दबाव नहीं है. भाजपा ने सरकार पर आपात काल जैसी स्थिति बनाने का आरोप लगाया है.
अंबिका ने इस पर कहा, ‘भाजपा को ऐसी स्थिति में बीच में तुरंत कूदने की आदत है. जब भाजपा नीत राजग की सरकार थी तब भी कांग्रेस के कई नेताओं को विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था. नरेंद्र मोदी के शासन में जो स्थिति है वह तो सबके सामने है. हालांकि हम कोई तुलना नहीं कर रहे हैं.’
गौरतलब है कि अन्ना हजारे को हिरासत में लिए जाने के मुद्दे पर मंत्रिमंडल की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में चर्चा की गई. इस बैठक में गृह मंत्री चिदंबरम, रक्षा मंत्री ए के एंटनी, विदेशमंत्री एस एम कृष्णा, कानून मंत्री सलमान खुर्शीद और मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल भी मौजूद थे.