अन्ना हजारे की गिरफ्तारी के देशव्यापी विरोध के बाद सरकार ने घुटने टेक दिए और अन्ना को रिहा कर दिया. लेकिन अन्ना हजारे ने तिहाड़ से बाहर आने के लिए सरकार के सामने कुछ शर्तें रखी हैं.
अन्ना हजारे का रिलीज वारंट मिलने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया है और वो जेल के डीजी के दफ्तर में बैठे हुए हैं.
अन्ना ने तिहाड़ से बाहर आने के लिए कुछ शर्तें रखी हैं. अन्ना ने जो पहली शर्त रखी है वो है- ‘वो जहां जाना चाहें वहां जाने की उन्हें छूट मिलनी चाहिए.’ दूसरी शर्त उन्होंने रखी है कि उन्हें अनशन जारी रखने की भी इजाजत होनी चाहिए.
जेल के अधिकारी अन्ना को मनाने में लगे हुए हैं और अन्ना ने उनके सामने सरकार से हलफनामा दिए जाने की मांग रखी है. उन्होंने कहा है कि सरकार अन्ना के सामने कोई शर्त नहीं रखे.
मंगलवार की सुबह दिल्ली के मयूर विहार इलाके से अन्ना को गिरफ्तार करने के बाद से ही देशभर में उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. शाम को इंडिया गेट, तिहाड़ जेल और एम्स पर अन्ना समर्थकों ने कैंडिल मार्च भी निकाला.
सुबह अन्ना और उनके सहयोगियों को सिविल लाइंस मेस में हिरासत में रखा गया. उसके बाद अन्ना को गिरफ्तार कर 7 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. उन्हें तिहाड़ के जेल नंबर 4 में रखा गया.
यहां अन्ना ने खाना खाने से इंकार कर दिया. जेल प्रशासन ने उनका मेडिकल टेस्ट भी कराया, जिसके बाद प्रशासन को यह अंदेशा होने लगा कि अन्ना की तबीयत बिगड़ सकती है. इसके बाद ही सरकार की ओर से अन्ना को रिहा करने का फैसला आया.
देर शाम अन्ना के सहयोगियों किरण बेदी और शांति भूषण को जेल से रिहा किया गया.
अन्ना की सहयोगी किरण बेदी ने अन्ना की रिहाई पर कहा कि अन्ना एक मजबूत इंसान हैं और अपनी रिहाई को लेकर किसी शर्त पर सहमत नहीं हुए. उन्होंने कहा कि अन्ना अपनी भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम में किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेंगे.