लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर नागरिक समाज के लोगों और सरकार के आपस में हाथ मिलाने को लोकतंत्र के लिए एक अहम कदम करार देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार इस ‘ऐतिहासिक विधेयक ’ को संसद के मानसून सत्र में पेश करना चाहती है.
प्रधानमंत्री ने यहां एक बयान में कहा ‘मुझे खुशी है कि सरकार और नागरिक समाज के प्रतिनिधि भ्रष्टाचार से लड़ने के हमारे पारस्परिक संकल्प में एक समझौते पर पहुंच गए हैं. मैं इस बात से खुश हूं कि अन्ना हजारे अनशन समाप्त करने पर राजी हो गए हैं.’
भ्रष्टाचार को एक अभिशाप करार देते हुए जिसका सामना हम सबको करना पड़ता है मनमोहन ने कहा ‘इस ऐतिहासिक विधेयक पर नागरिक समाज और सरकार का हाथ मिलाना हमारे लोकतंत्र के लिए एक शुभ संकेत है.’ उन्होंने कहा कि सरकार और हजारे के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता फलदायी रही.
प्रधानमंत्री ने कहा ‘मुझे उम्मीद है कि इस विधेयक को तैयार करने की प्रक्रिया रचनात्मक रूप से आगे बढ़ेगी ताकि व्यापक विचार विमर्श के बाद विधेयक को मानसून सत्र में पेश करने के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाए.’{mospagebreak}
सरकार कल रात प्रभावी लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के उद्देश्य से दस सदस्यीय संयुक्त समिति बनाने के लिए एक औपचारिक आदेश जारी करने पर सहमत हो गई थी. देशभर के तमाम वर्गों की ओर समर्थन प्राप्त हजारे के चार दिन के अनशन के बाद दोनों पक्षों की ओर से एक समझौते पर पहुंचने की घोषणा की गई.
हजारे ने कल रात कहा था ‘सरकार ने हमारी सभी मांगें मान ली हैं और मैं कल सुबह साढ़े दस बजे अपना अनशन खत्म करूंगा. यह समूचे देश के लिए जीत है.’ समिति के अध्यक्ष वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी होंगे . इसमें कानून मंत्री वीरप्पा मोइली दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल गृहमंत्री पी. चिदंबरम और जल संसाधन मंत्री सलमान खुर्शीद सदस्य के रूप में शामिल होंगे.
गैर सरकारी पक्ष की ओर से हजारे के अतिरिक्त जाने माने अधिवक्ता शांति भूषण प्रशांत भूषण उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश संतोष हेगड़े और आरटीआई कार्यकर्ता अरविन्द केजरीवाल इस संयुक्त समिति में शामिल होंगे. शांति भूषण समिति के सह अध्यक्ष होंगे.