अन्ना हजारे की टीम और सरकार के बीच मध्यस्थ के रूप में सामने आए आध्यात्मिक नेता भैयूजी महाराज ने मतभेदों के जल्द सुलझा लिए जाने की उम्मीद जताते हुए कहा है कि सरकार लोकपाल पर समाधान को लेकर पुरजोर कोशिश कर रही है.
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इंदौर के रहने वाले महाराज ने कहा कि बातचीत के मूल में यह है कि हर पक्ष कितनी रियायत को तैयार होता है.
मध्यस्थता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैं आपको यह बता सकता हूं कि सरकार पुरजोर कोशिश कर रही है. मैं किसी का समर्थन नहीं कर रहा और किसी का पक्ष नहीं ले रहा. दोनों पक्ष के इरादे बिल्कुल स्पष्ट हैं.’
महाराज और महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव उमेश चंद्र सारंगी सरकार की कोशिशों के तहत टीम अन्ना से पिछले दरवाजे से बातचीत कर रहे हैं कि ताकि हजारे का अनशन खत्म कराया जा सके. बीते सात दिनों से हजारे जन लोकपाल की मांग को लेकर अनशन कर रहे हैं.
हजारे के साथ मुलाकात को महाराज ने ‘पारिवारिक बातचीत’ करार देते हुए कहा कि वह सरकार और सिविल सोसायटी दोनों मसौदों का अध्ययन कर रहे हैं.
महाराज ने कहा, ‘सवाल यह है कि दोनों पक्षों को कितनी शर्तें स्वीकार होती हैं. अब चीजें उसी दिशा में बढ़ रही हैं और बातचीत उन्हीं आधारों पर शुरू हो सकती है कि अन्ना की क्या आपत्तियां हैं और सरकार क्या स्वीकार करती है.’