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हजारे के आंदोलन में बाधा डालने के प्रयास हो रहे हैं: केजरीवाल

अन्ना हजारे के अनशन के सातवें दिन में प्रवेश करने के बीच उनके दल ने आरोप लगाया कि हजारे के आंदोलन को बाधित करने के प्रयास किए जा रहे हैं क्योंकि ‘कुछ लोग’ गांधीवादी हजारे के समर्थन में उमड़ रही भीड़ को देख कर घबरा रहे हैं.

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केजरीवाल
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अन्ना हजारे के अनशन के सातवें दिन में प्रवेश करने के बीच उनके दल ने आरोप लगाया कि हजारे के आंदोलन को बाधित करने के प्रयास किए जा रहे हैं क्योंकि ‘कुछ लोग’ गांधीवादी हजारे के समर्थन में उमड़ रही भीड़ को देख कर घबरा रहे हैं.

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हजारे के करीबी सहयोगी केजरीवाल ने रामलीला मैदान में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘कुछ लोग आंदोलन को मिल रहे भारी समर्थन को देख कर घबरा रहे हैं. आंदोलन को बाधित करने के प्रयास हो रहे हैं.’

केजरीवाल ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने के भी प्रयास हो सकते हैं. उन्होंने लोगों से कहा कि वे चौकस रहें और ऐसी किसी भी गतिविधि के बारे में पुलिस को सूचित करें.

उन्होंने कहा, ‘हमारी एकता को तोड़ने के प्रयास हो सकते हैं. सांप्रदायिक तनाव फैलाने के भी प्रयास हो सकते हैं. हमें चौकस रहना होगा.’ सरकार पर भ्रष्टाचारियों के प्रति ‘सहानुभूतिपूर्ण’ होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का लोकपाल विधेयक भ्रष्टाचार से प्रभावी तौर पर नहीं निपट सकता.

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उन्होंने कहा, ‘सरकार का जो लोकपाल विधेयक है, वह भ्रष्टाचार से नहीं निपटता और न ही आम आदमी को इस समस्या से राहत दिलाता है. हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री की एक निष्पक्ष निकाय जांच करे, जो लोकपाल है.’

केजरीवाल आज सुबह ‘अन्ना की पाठशाला’ को संबोधित करने वाले दूसरे वक्ता थे. इसका आयोजन किरण बेदी ने किया था.

उन्होंने कहा, ‘अगर कोई न्यायाधीश भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है तो लोकपाल की सात सदस्यीय पीठ उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में सक्षम होनी चाहिए.’ केजरीवाल के मुताबिक, ‘अगर कोई सांसद रिश्वत लेता है तो उसकी लोकपाल द्वारा जांच होनी चाहिए. सरकार का लोकपाल विधेयक सरकार के प्रति जवाबदेह होगा, जबकि जन लोकपाल विधेयक जनता के प्रति जवाबदेह होगा.’

उन्होंने समर्थकों से कहा कि वे ‘अपने दिल और दिमाग का इस्तेमाल करें और इसके बाद अन्ना और जन लोकपाल विधेयक का समर्थन करें.’ केजरीवाल ने कहा, ‘नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों को कोई बड़ी निविदा नहीं दी जानी चाहिए. उनकी लोकपाल द्वारा जांच कराई जानी चाहिए.’ समर्थकों को संबोधित करते हुए किरण बेदी ने कहा कि सीबीआई को एक स्वतंत्र एजेंसी बनाते हुए उसे लोकपाल के दायरे में लाना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘सरकार सीबीआई को स्वतंत्र एजेंसी नहीं बनाना चाहती.’

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