जन लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर गांधीवादी अन्ना हजारे के अनशन का आज सातवां दिन है. उनकी टीम का कहना है कि सरकार गिराने का उनका कोई इरादा नहीं है, लेकिन हजारे इस बात पर अडिग हैं कि जन लोकपाल विधेयक 30 अगस्त तक संसद में पारित होना चाहिए.
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हजारे को अनशन पर बैठे करीब 150 घंटे हो गए हैं और रामलीला मैदान में उनका समर्थन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. वह 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं.
अनशन की वजह से बीते सात दिनों के भीतर हजारे का पांच किलोग्राम वजन कम हो गया है. उनके रक्त और मूत्र में कीटोन के कण पाए गए हैं. कीटोन गुर्दे और यकृत जैसे अंगों को प्रभावित कर सकता है.
टीम अन्ना का कहना है कि सरकार की ओर से बातचीत के लिए अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है.
सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘प्रधानमंत्री कहते हैं कि वे बातचीत के लिए तैयार हैं. परंतु हम बार बार पूछ रहे हैं कि हमें बातचीत के लिए कहां आना है? किससे मिलना है? जब तक हमारे पास कोई ठोस प्रस्ताव नहीं आ जाता, तब तक हम कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे.’ हजारे ने कहा था कि 30 अगस्त तक जन लोकपाल विधेयक पारित नहीं करने पर सरकार को चले जाना चाहिए. इसके बारे में पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा कि टीम अन्ना का इरादा सरकार को गिराने का नहीं है.
केजरीवाल ने कहा, ‘हम बार बार कहते रहे हैं कि हमारा मकसद सरकार को गिराना नहीं है. अनशन के सातवें दिन और जन सैलाब उमड़ने के बाद भी सरकार संवेदनहीन बनी हुई है.’ सरकार के साथ बातचीत के बारे में उन्होंने कहा, ‘बातचीत पर पहल सरकार को करनी है. अगर उसके पास राजनीतिक इच्छाशक्ति है तो विधेयक दो मिनट में पारित हो जाएगा.’
हजारे के स्वास्थ्य के बारे में केजरीवाल ने कहा कि उनका पांच किलोग्राम वजन कम हो गया है. उन्होंने कहा, ‘अन्ना के रक्त और मूत्र में कीटोन का स्तर थोड़ा बढ़ गया है. फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है. वह ठीक हैं.’ सरकार की ओर से पिछले दरवाजे से बातचीत का प्रयास किया गया है. इसमें महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव उमेश चंद्र सारंगी और आध्यात्मिक गुरु भैयूजी महाराज इस प्रयास में शामिल है.
उधर, पुलिस ने रामलीला मैदान की सुरक्षा बढ़ा दी है. यहां अतिरिक्त पुलिसकर्मियों और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिला ईकाई को तैनात किया गया है.
इस आंदोलन ने आम लोगों का ये भ्रम दूर कर दिया है कि आंदोलन सिर्फ पुलिस से झड़प और गला फाड़ नारेबाज़ी का नाम है. रामलीला मैदान में बीती रात जो नज़ारा था, वो किसी उत्सव या मेले से कम नहीं था.
रामलीला मैदान में डेरा डाले बैठे लोगों के लिए यही आंदोलन है. भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना का महा आंदोलन, जिसके जुनून से लोगों की भूख-प्यास, नींद-थकान सब गायब हो चुकी है.
यहां छोटे-छोटे बच्चे भी वंदे मातरम और भारत माता की जयकार के नारे पर देर रात तक ठुमकते रहे. अन्ना हज़ारे की बातों ने लोगों की आंखें खोल दी हैं. पहली बार लोगों को अपनी हस्ती का एहसास हुआ है. अन्ना के इसी चमत्कार को नमस्कार करने के लिए कुछ लोगों ने भगवान के अलग-अलग रूपों वाले पोस्टर को भी अन्ना की शक्ल दे दी है.