जनलोकपाल विधेयक की मांग पर देश में चल रहे अभूतपूर्व प्रदर्शनों के बीच भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि संसद को सभी काम छोड़कर जल्द से जल्द एक मजबूत लोकपाल विधेयक पारित कराना चाहिए, ताकि विधायिका की विश्वसनीयता पर खड़े किए गए सवालों का जवाब दिया जा सके.
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राज्यसभा सांसद नकवी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र लिखकर कहा कि हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ उपजे व्यापक जनाक्रोश को अगर विधायिका नकारती है तो वह अहंकार और मूखर्ता का उदाहरण होगा.
नकवी ने लिखा ‘‘मैं दु:ख के साथ यह पत्र लिख रहा हूं. सामान्य नागरिक होने के नाते मैं जिन चीजों को देख रहा हूं, उससे मुझे ठेस पहुंचती है. एक सांसद और सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते मैं शर्मिंदा महसूस करता हूं.’’
संसदीय लोकतंत्र और संवैधानिक व्यवस्था में विश्वास जताते हुए उन्होंने लिखा ‘‘मजबूत लोकपाल के लिए कानून और नियमों का इस्तेमाल ढाल के रूप में नहीं होना चाहिए. आज भ्रष्टाचार के प्रति जबर्दस्त जनाक्रोश है और इससे एक अनूठी स्थिति पैदा हुई है. संसद और संविधान की विश्वसनीयता परीक्षा के दौर से गुजर रही है. अन्ना हजारे और उनके समर्थकों द्वारा उठाई गई आवाज को खारिज करना अहंकार और मूखर्ता का उदाहरण होगा.’’