सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की गिरफ्तारी का अमेरिका में भी विरोध जताया जा रहा है. भारतीय मूल के छात्रों और नागरिकों ने वाशिंगटन में भारतीय दूतावास एवं अन्य शहरों में भारतीय वाणिज्य दूतावासों के सामने धरने दिए.
अन्ना हजारे के समर्थन में सड़क पर उतरी देश की जनता
महात्मा गांधी के पोते अरुण गांधी ने अन्ना की गिरफ्तारी पर कहा कि सरकार के इस कदम ने हिंसा और अहिंसा की संस्कृति के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न कर दी है.
रोचेस्टर विश्वविद्यालय में एक.के. गांधी इंस्टीट्यूट फॉर नॉन वायलेंस के संस्थापक अरुण गांधी ने एक सामुदायिक पत्रिका फर्स्टपोस्ट को कहा, ‘अन्ना की गिरफ्तारी से भ्रष्टाचार का विषय गौण हो गया है और इसकी जगह विरोध प्रदर्शन का अधिकार का मुद्दा अधिक प्रासंगिक हो गया है.’
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उन्होंने कहा कि यह हिंसा और अहिंसा की संस्कृति के बीच टकराव का मसला बन गया है. हिंसा की संस्कृति का प्रतिनिधित्व सरकार कर रही है और अहिंसा की संस्कृति का प्रतिनिधित्व अन्ना हजारे कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अन्ना हजारे उन्हीं नीति को अपना रहे हैं, जो महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ सफलता पूर्वक आजमाया था.
अन्ना की गिरफ्तारी के विरोध में भारतीय छात्रों ने जहां वाशिंगटन में भारतीय दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया, वहीं भारतीयों ने पूरे अमेरिका में जगह-जगह भारतीय वाणिज्य दूतावासों के सामने धरने दिए.