लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर अन्ना हज़ारे सरकार के साथ सीधे टकराव में मूड में नजर आ रहे हैं. गांधीवादी कार्यकर्ता ने 16 अगस्त से अपने अनशन में शामिल होने का समर्थकों से आह्वान करते हुए कहा कि अनशन की अनुमति नहीं मिलने के बाद अगर वह गिरफ्तार हो गये तो लोग जेल भरना शुरू कर दें.
लोकपाल विधेयक संसद में पेश हो जाने के बाद भी प्रस्तावित अनशन के लिये प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा जाहिरा तौर पर आड़े हाथ लिये जाने के बाद हज़ारे ने शाम को ‘देशवासियों के नाम संबोधन’ में कहा, ‘मैं सुबह जयप्रकाश नारायण पार्क अनशन के लिये जाऊंगा. वहां धारा 144 लगा दी गयी है. अगर अनशन के लिये मना किया गया तो वहीं बैठ जाऊंगा. पुलिस मुझे जहां चाहे ले जाये.’ उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे जेल भेज दिया तो जेल से अनशन होगा. अगर रिहा कर दिया गया तो मैं फिर वहीं पहुंच जाउंगा और यह सिलसिला चलता रहेगा.’
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करीब एक घंटे के अपने संबोधन में उन्होंने कहा, ‘अगर मैं गिरफ्तार हो गया तो देश के गांव-गांव में आप लोग भी गिरफ्तारी दें. चोरी कर जेल जाना ‘दूषण’ है, देश की भलाई के लिये जेल जाना ‘भूषण’ है. ..यह अलंकार है.’ हज़ारे ने अपने संबोधन में समर्थकों से रात आठ से नौ के बीच लाइटें बंद रखने की अपील की. इसके बाद आयोजन स्थल कांस्टीट्यूशन क्लब में भी लाइटें बुझा दी गयीं.
इससे पहले, 73 वर्षीय हज़ारे अपने साथी कार्यकर्ताओं के साथ अचानक राजघाट पहुंचे. वह वहां करीब ढ़ाई घंटे रहे. उन्होंने कुछ देर ध्यान किया, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन गाये और वहां से सीधे कांस्टीट्यूशन क्लब पहुंचे.
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हज़ारे पक्ष ने आज दिल्ली पुलिस द्वारा अनशन के लिये बतायी गयी 22 में से छह शर्तों को मानने से इनकार कर दिया. इसके चलते उन्हें कल के अनशन की अनुमति नहीं दी गयी है.
दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त (उत्तरी रेंज) सुधीर यादव का कहना है, ‘हमने अनुमति देने से इनकार कर दिया है. किसी को भी पार्क पर आने की इजाजत नहीं है. अगर कोई यहां आता है तो वह गैर-कानूनी होगा. उनसे कानून के अनुरूप निपटा जायेगा. अगर उन्होंने ऐसा किया तो यह कानून का उल्लंघन होगा.’
इस बीच, गृह सचिव आर के. सिंह ने दिल्ली पुलिस आयुक्त बी. के. गुप्ता तथा अन्य शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की.
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हज़ारे ने ‘मजबूत’ लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर कल अनशन का ऐलान किया है. सरकार अगस्त के पहले सप्ताह में लोकसभा में विधेयक पेश कर चुकी है जो अब स्थायी समिति के समक्ष विचाराधीन है.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए अन्ना के कल से शुरू होने वाले अनशन का उल्लेख किए बिना कहा, ‘मैं जानता हूं कि (लोकपाल) विधेयक के कुछ पहलुओं पर मतभेद हैं. जो लोग विधेयक से सहमत नहीं हैं वे अपने विचार संसद, राजनीतिक दलों और मीडिया तक को दे सकते हैं. हालांकि मुझे लगता है कि उन्हें अनशन जैसे कदम नहीं उठाने चाहिए.’
उधर हज़ारे ने शाम को अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री को अब तक मैं बहुत ईमानदार मानता आया हूं. अफसोस की वह भी अब कपिल सिब्बल की भाषा बोलने लगे हैं. यह दुख की बात है. इन्हें भ्रष्टाचार नहीं मिटाना है, यह बात साफ है.’ उन्होंने कहा, ‘लोकपाल तो बनकर रहेगा, इसमें हमें कोई संदेह नहीं है. लेकिन हमें परिवर्तन की लंबी लड़ाई लड़नी है. अभी तो सिर्फ अंगड़ाई है. लंबी लड़ाई अभी बाकी है.’
हज़ारे कहा, ‘अगर सही लोकपाल बन गया तो मैं 100 फीसदी का तो दावा नहीं करता लेकिन 60 से 65 फीसदी भ्रष्टाचार खत्म हो जायेगा. मैं हवा में बातें नहीं कर रहा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं खुद कपिल सिब्बल के घर पानी भरने के लिये तैयार हूं.’ उन्होंने कहा, ‘अब लड़ाई आर या पार की है. या तो लोकपाल बनेगा या जनता इन्हें (सरकार को) जाने को कहेगी. हमारा मकसद सरकार गिराना नहीं है. लेकिन अगर इस लड़ाई में सरकार गिर जाये तो हमें उसकी परवाह नहीं है.’
हज़ारे ने कहा कि हमने कई बार कहा कि संसद पर हमें विश्वास है. लेकिन आपने संसद में गलत विधेयक क्यों पेश किया. हमें आश्वासन दिया गया था. सरकार उससे मुकर गयी. हमारे साथ विश्वासघात किया गया.
उन्होंने कहा, ‘हमसे कई बार सवाल किया जाता है कि हम लोकतंत्र नहीं जानते. हम लोकतंत्र जानते हैं. वह लोकशाही का पवित्र मंदिर है. लेकिन चार सांसद जेल में हैं और 150 अन्य के खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं. हमें इस मंदिर की पवित्रता बनाये रखनी होगी.’
राजनीतिक दलों से अपील करते हुए हज़ारे ने कहा, ‘सभी पक्षों और पार्टियों से मेरी अपील है कि आप जब किसी उम्मीदवार को चुनें तो यह ध्यान रखें कि वह दागी नहीं हो.’ भूमि अधिग्रहण को लेकर होने वाले किसानों के आंदोलनों के बारे में हज़ारे ने कहा कि यह सरकार गरीबों और किसानों की जमीन लेकर बड़े उद्योगपतियों को देती है. सरकार को सिर्फ सत्ता और धन की चिंता है. हमें अगली बड़ी लड़ाई इसी के लिये लड़नी होगी.
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने दरियागंज और आईपी पुलिस थाना क्षेत्र के कुछ इलाकों में धारा 144 लगा दी है. जिन इलाकों में निषेधाज्ञा लागू की गयी है, उनमें जयप्रकाश नारायण पार्क और शहीद पार्क भी आता है.