लोकसभा में शनिवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह या वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के बयान के बाद लोकपाल मुद्दे पर चर्चा हो सकती है. इस मुद्दे पर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के कार्यालय में सदन के नेता और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक के बाद यह सहमति बनी.
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संसदीय कार्य राज्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि बैठक के दौरान विपक्षी दलों की मांग के अनुरूप दोनों नेताओं में से किसी एक के बयान के बाद शनिवार को इस विषय पर चर्चा हो सकती है.
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बिना मतदान के प्रावधान वाले नियम 193 के तहत चर्चा कराने जाने का भाजपा सदस्यों की ओर से विरोध किये जाने के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कहा कि इस विषय पर नियम 184 के तहत चर्चा कराने की बात विपक्ष ने बाद में रखी. उन्होंने कहा कि यहां तक कि आज की बैठक में भी कई अन्य राजनीतिक दल नियम 184 के तहत चर्चा कराये जाने के पक्ष में नहीं थे.
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सूत्रों ने बताया कि भाजपा ने सरकार को इस मुद्दे पर दो विकल्प दिये हैं, जिसमें पहला या तो नियम 184 के तहत चर्चा करायी जाए अथवा चर्चा शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री या वित्त मंत्री बयान दें.
एक अन्य केंद्रीय मंत्री ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर बताया, ‘‘मध्य का एक रास्ता यह निकाला जा सकता है कि प्रधानमंत्री या मंत्री के बयान के बाद चर्चा शुरू की जाए. इस विषय पर नियम 193 या नियम 184 में नहीं जाया जाए.’’
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इस विषय पर युवा कांग्रेस सांसद मिलिंद देवड़ा, जितिन प्रसाद, दीपेन्दर सिंह हुड्डा और सचिन पायलट ने भी लोकसभा अध्यक्ष से चर्चा की.