समाजसेवी अन्ना हजारे पर गंभीर आरोप लगाने वाले कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संसद की स्टैंडिंग कमेटी से अपना नाम वापस ले लिया है.
मनीष तिवारी ने कहा, ‘‘मैं एक मजबूत और कारगर लोकपाल के पक्ष में हूं. मैं इस महत्वपूर्ण विधेयक पर होने वाली चर्चाओं पर विवाद की कोई छाया नहीं पड़ने देना चाहता, इसलिए मैंने स्थायी समिति से अपने को अलग कर लिया है.’’
पहले मनीष तिवारी ने टीम अन्ना के जनलोकपाल बिल को लेकर विरोध जताया था. वैसे कानून और न्याय पर संसद की स्थायी समिति का पुनर्गठन एक-दो दिन में किये जाने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक अब तक कई पार्टियों ने अपने दल के सदस्यों के नाम नहीं भेजे हैं.
हालांकि बीजेपी ने अपने सदस्यों के नाम भेज दिये हैं. हरेन पाठक, कीर्ति आजाद, कैलाश मेघवाल, राज्यसभा से राम जेठमलानी और बाल आप्टे हो सकते हैं. समिति में इस समय लालू प्रसाद, अमर सिंह जैसे लोग हैं, जो अन्ना-आंदोलन के खिलाफ बोलते रहे हैं.
ऐसे में सवाल यह उठता है कि ऐसे नेता कमेटी में रहेंगे या हटेंगे? स्टैंडिंग कमेटी ही इस समय लोकपाल बिल को देख रही है. कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी इसके अध्यक्ष हैं.