अन्ना हजारे के आंदोलन से उपजी परिस्थिति के मद्देनजर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकसभा में कहा कि अन्ना हजारे की गिरफ्तारी पर उन्हें अफसोस है, पर हालात को ध्यान में रखकर वैसा करना पड़ा.
मनमोहन सिंह ने कहा कि अन्ना हजारे के सामने अनशन के लिए प्रशासन ने कुछ शर्तें रखी थीं, जिनमें से 6 शर्तें मानने से अन्ना ने इनकार कर दिया था. इसके बाद ऐसे हालात बन गए, जिससे अन्ना हजारे की गिरफ्तारी की गई. उन्होंने स्पष्ट किया कि अन्ना हजारे को रिहा किया जा चुका है, पर वे खुद ही बाहर आने से इनकार कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकपाल बिल अभी संसद की स्टैंडिंग कमेटी के पास है. अन्ना हजारे जिस तरह से जनलोकपाल बिल थोपना चाह रहे थे, वह गलत था. मनमोहन सिंह ने सदन में कहा कि संसद को वह काम करने देना चाहिए, जिसके लिए वह बनी है. उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि आखिर कानून कौन बनाएगा और बिल का मसौदा कौन तैयार करेगा?
भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि यह एक झटके में खत्म नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को पूरी तरह से खत्म कर पाना संभव नहीं है.