लोकपाल के मुद्दे पर अपने 12 दिन के अनशन के जरिये पूरे देश में जनांदोलन खड़ा करने के बाद अन्ना हज़ारे ने संकेत दिये हैं कि वह चुनाव सुधार और किसानों के हितों जैसे मुद्दों पर अपना अगला आंदोलन शुरू कर सकते हैं.
अन्ना हज़ारे ने रामलीला मैदान पर अपना अनशन तोड़ने के बाद समर्थकों से कहा, ‘‘यह लड़ाई परिवर्तन की है. यह लड़ाई की शुरुआत भर है. जब तक पूरा परिवर्तन नहीं आ जाता तब तक हमें यह मशाल जलाए रखनी होगी. हमें चुनाव व्यवस्था को बदलना होगा. हमें मतदाताओं को अपने प्रतिनिधियों को वापस बुलाने और नापंसद करने के अधिकार देने के बारे में सोचना होगा.’’
अन्ना हज़ारे ने कहा कि देश में किसानों की स्थिति भी अच्छी नहीं है. किसानों को उनकी मेहनत के बदले में उचित धन नहीं मिलता. स्थिति ऐसी है कि ‘माल खाये मदारी और नाच करे बंदर’.
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी लोगों ने दुकानें खोल रखी हैं. हमें शिक्षा व्यवस्था को भी बदलना होगा. हज़ारे ने कहा कि जब तक ये सभी मसले हल नहीं हो जाते, तब तक सही मायने में उनका आंदोलन खत्म नहीं होगा, क्योंकि यह लड़ाई परिवर्तन की है.
किरण बेदी ने भी शनिवार को यह सवाल उठाया था कि एक बार जनता द्वारा अपना प्रतिनिधि चुन लिये जाने के बाद क्या वह पांच वर्ष के लिये जिम्मेदारी से मुक्त हो जाता है.