सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने बुधवार को कहा कि अकेले कोई कानून समाज से भ्रष्टाचार को नहीं मिटा सकता, इसके लिए व्यवस्था में परिवर्तन की जरूरत है.
जन लोकपाल विधेयक का जिक्र करते हुए भ्रष्टाचार विरोधी वयोवृद्ध कार्यकर्ता ने कहा, ‘मैं इससे सहमत हूं कि सिर्फ एक कानून इस समाज से भ्रष्टाचार को नहीं मिटा सकता, इसके लिए व्यवस्था में बदलाव लाने की जरूरत है.’
अन्ना हजारे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता राजीव प्रताप रूड़ी के सवाल का जवाब दे रहे थे. रूड़ी पत्रकार आशुतोष की लिखी पुस्तक 'अन्नाः 13 डेज दैट अवेकेंड इंडिया' के लोकार्पण अवसर पर मौजूद थे. उन्होंने अन्ना हजारे से पूछा कि एक भ्रष्टाचार विरोधी विधेयक से क्या भ्रष्टाचार पूरी तरह मिट जाएगा?
अन्ना हजारे ने कहा कि जन लोकपाल विधेयक को पारित कराने के लिए आंदोलन पर फैसला संसद का बजट सत्र खत्म होने के बाद लिया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘कुछ लोगों ने पूछा है कि क्या हमारा आंदोलन कमजोर पड़ गया है? लेकिन 2014 में हमारी ताकत का पता चलेगा.’
सरकार के विकास के प्रतिमान की आलोचना करते हुए अन्ना ने कहा, ‘विदेशी नागरिकों और उद्योगों को न्योता दिया जा रहा है और गरीब लोगों की जमीन हड़पी जा रही है, क्या यही विकास है?’
पुस्तक की प्रशंसा करते हुए अन्ना ने कहा कि यह उन युवाओं के लिए प्रेरणा की स्रोत बनेगी जो उन 13 दिनों के बारे में जानना चाहते हैं.
अन्ना ने जन लोकपाल विधेयक को पारित कराने के लिए दिल्ली के रामलीला मैदान में किए अपने अनशन का जिक्र किया. उनके अनशन को देशभर में अप्रत्याशित रूप से समर्थन मिला था.
पुस्तक के लेखक आशुतोष ने कहा कि हिंदी पत्रकार होने के बावजूद उन्होंने अंग्रेजी में इसलिए यह किताब लिखी, क्योंकि वह चाहते थे कि यह समाज के उस खास वर्ग तक पहुंचे जो अन्ना के आंदोलन को संसद-विरोधी के रूप में प्रचारित कर रहे हैं.