अन्ना हजारे के मसले पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकसभा में बयान देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार फैलने के कई कारण हैं और भ्रष्टाचार पर काबू के लिए के लिए व्यवहारिक सोच रखनी होगी.
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उन्होंने कहा कि हो सकता है कि मैंने कुछ गलतियां की हों लेकिन मुझपर भ्रष्टाचार के आरोप गलत हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 41 साल में मैंने जितनी संपत्ति कमाई उसकी जांच करा ली जाए. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने देश को दिवालिया होने से बचाया, जब देश दिवालिया होने के कगार पर था तब हमने अपनी कोशिशों से स्थिति को काबू किया. उन्होंने कहा कि मैंने देश की पूरे मन से सेवा की.
प्रधानमंत्री ने कहा कि मजबूत अर्थव्यवस्था से दुनिया में देश की इज्जत बढ़ी है. उन्होंने माना कि भ्रष्टाचार पर दो हफ्ते में देश में गतिविधियां तेज हुई हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि जनलोकपाल बिल को लेकर अन्ना की टीम से कई मुद्दों पर मतभेद और सरकार ने सोचा इन मुद्दों को संसद में सुलझाएंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा, हम अन्ना के उसूलों की कद्र करते हैं और मैं अन्ना को सलाम करता हूं. उन्होंने कहा कि हम भी एक मजबूत लोकपाल के पक्ष में हैं और हम सभी सुझावों का स्वागत करते हैं. सभी सांसद मिलकर अन्ना से अनशन तोड़ने की अपील करें. बुधवार को हुई सर्वदलीय बैठक को मनमोहन ने अच्छा करार दिया और कहा कि बैठक में सबने माना अन्ना को अनशन तोड़ देना चाहिए.
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने अन्ना हजारे अनशन तोड़ने की अपील की. वहीं लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार ने पूरे सदन की ओर से अनशन तोड़ने की अपील है. लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा, सभी सदस्यों की अपील पर अन्ना हजारे अपना अनशन समाप्त करें. अन्ना का जीवन बेहद कीमती है और उनके द्वारा उठाए गए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर व्यापक चर्चा हुई है और इसपर उचित कार्रवाई होगी.