प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार किए जाने का विरोध के स्वर संसद में भी सुनायी दिए तथा इसी मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी.
दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही एक जैसा नजारा देखने को मिला और प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया. हंगामे के कारण लोकसभा को दो बार के स्थगन के बाद और राज्यसभा को एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया.
दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने हजारे और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार देते हुए आसन के समक्ष आकर नारेबाजी की. सत्ता पक्ष के सदस्यों ने लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में अरूण जेटली को इस मुद्दे पर अपनी बात पूरी करने का मौका नहीं दिया.
लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि उन्हें अन्ना हजारे सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, कम्युनिस्ट गुरूदास दासगुप्ता, मार्क्सवादी वासुदेव आचार्य, जदयू के शरद यादव सहित कुछ सदस्यों के कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस मिले हैं. उन्होंने इन सभी नोटिसों को खारिज कर दिया, लेकिन विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज को उनकी बात रखने की अनुमति दी.
संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि सरकार 12 बजे अन्ना हजारे के मुद्दे पर चर्चा कराने को तैयार है. लेकिन विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्यों का शोरशराबा जारी रहा. सपा के शैलेन्द्र कुमार एक तख्ती लिए आसन के समक्ष आ गए. उधर कांग्रेस सदस्य प्रश्नकाल चलने देने की मांग कर रहे थे. हंगामा थमते नहीं देख मीरा कुमार ने बैठक कुछ ही मिनट बाद साढ़े 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
बैठक फिर शुरू होने पर सुषमा ने कहा कि सरकार सदन के बाहर जो अलोकतांत्रिक रवैया अपना रही है वही रवैया सदन के भीतर भी अपना रही है. विपक्ष की नेता के बयान के दौरान ही सदन में फिर से हंगामा शुरू हो गया. हंगामा थमते नहीं देख अध्यक्ष ने बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
दोपहर 12 बजे बैठक फिर शुरू होने पर अध्यक्ष ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और श्रीलंका में तमिलों को राहत एवं पुनर्वास से जुड़े मुद्दे पर नियम 193 के तहत चर्चा शुरू करने के लिए द्रमुक के टी आर बालू को अपनी बात रखने के लिए आमंत्रित किया. लेकिन भाजपा सदस्यों का हंगामा जारी रहा. हंगामे के बीच अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी.