भ्रष्ट्राचार के खिलाफ आंदोलन चला रहे गांधीवादी समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की आलोचना झेल रहे कृषि मंत्री शरद पवार भ्रष्टाचार पर गठित मंत्री समूह (जीओएम) से हट गये. उन्होंने कहा कि वह आगे समूह से जुड़े नहीं रहना चाहते.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख पवार के अनुसार उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा है और उन्हें बताया है कि वह मंत्री समूह में बने नहीं रहना चाहते. मंत्री समूह के अध्यक्ष वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी हैं.
पवार ने कहा, ‘मैंने भ्रष्टाचार पर मंत्री समूह से हटने के बारे में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. मैंने उन्हें सूचित किया है कि मैं समूह के साथ आगे नहीं बना रहना चाहता. मेरी तरफ से यह अध्याय अब समाप्त समझा जाए.’ इससे पहले, पवार ने कहा था कि भ्रष्टाचार समेत सभी मंत्री समूहों से मुक्त किये जाने पर उन्हें खुशी होगी.
पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘यदि मुझे भ्रष्टाचार पर जीओएम सहित सभी मंत्री समूहों से मुक्ति दे दी जाए, तो मुझे बेहद खुशी होगी.’ पवार से पूछा गया था कि क्या वह उस टिप्पणी से परेशान हैं कि भ्रष्टाचार पर जीओएम में उन्हें नहीं होना चाहिए.
हजारे मंगलवार से राजधानी के एक मुख्य चौक पर आमरण अनशन पर हैं. वह ऐसे लोकपाल विधेयक को लागू करने की मांग कर रहे हैं, जिसमें भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े उपाय होने चाहिए. 72 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता ने सोमवार को कहा था कि इस विधेयक का मसौदा तैयार करने वाली समिति की अगुवाई शरद पवार जैसे मंत्री कर रहे हैं जिनके पास महाराष्ट्र में बहुत ज्यादा जमीन है.