लोकसभा में भ्रष्टाचार के मुद्दे रूल 193 के तहत चर्चा के दौरान बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने 2जी मामले पर प्रधानमंत्री को गवाह बनाए जाने की खबर का भी जिक्र किया और कहा कि सरकार को सब पता था.
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जोशी ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के प्रति बिल्कुल भी गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भ्रष्टाचार पर जल्दी ही कुछ ठोस कदम उठाएं नहीं तो जनता सड़कों पर निकलने नहीं देगी. उन्होंने कहा कि देश के अरबों रुपया विदेशी बैंकों में जमा है और सरकार को इसकी चिंता नहीं है.
उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी बैंकों में कितना धन जमा है इसका सही आंकड़ा किसी के पास नहीं है. जोशी ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि देश में 31 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक घूस की भेंट चढ़ जाता है.
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर क्यों ना हो, उसे खत्म किया जाना चाहिए. उधर इसी मुद्दे पर राज्यसभा में अल्पकालिक चर्चा की शुरूआत करते हुए विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने कहा कि आज देश के लोग भ्रष्टाचार से इतने त्रस्त हैं कि जब प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे ने अपना अनशन शुरू किया तो उन्हें लगा कि यही आवाज उठाने का सबसे बेहतर मौका है.
उन्होंने कहा कि हमारी पूरी मौजूदा व्यवस्था भ्रष्टाचार पर लगाम कसने में प्रभावी साबित नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि हमें आज पूरे देश से यह स्पष्ट संदेश मिल रहा है कि संसद और सरकार को अपने दायित्व निभाने चाहिए. उन्होंने कहा कि इस बात पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है कि हमसे गलती कहां हुई. भाजपा नेता ने कहा कि आज सरकार की विश्वसनीयता का बेहद अभाव है.
भ्रष्टाचार से निपटने के मामले में हमें ऐसे कठोर उपाय करने चाहिए जिससे दोषी लोग बच नहीं सकें. उन्होंने भूमि अधिग्रहण, खनन, स्पेक्ट्रम, शिक्षा, न्यायपालिका और मीडिया के क्षेत्रों में कथित विभिन्न अनियमितताओं का जिक्र करते हुए कहा कि आज आम आदमी को लग रहा है कि संपदा कुछ खास लोगों के हाथों तक सिमट कर रह गयी है. वे इस बात से बेहद परेशान हैं कि बिन भ्रष्ट तरीकों को अपनाये आज कोई भी काम नहीं किया जा सकता.