अन्ना हजारे के अनशन को लेकर उनकी टीम में मतभेद की अटकलें चल रहीं हैं. स्वामी अग्निवेश के नाराज होने की खबरों के बाद न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े ने भी अन्ना के रुख से असहमति जताते हुए बेंगलूर में कहा कि अब अनशन टूटना चाहिए. हालांकि अरविंद केजरीवाल ने हेगड़े से मतभेद की बात खारिज कर दी.
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लोकपाल विधेयक पर संयुक्त मसौदा समिति के सदस्य कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन संतोष हेगड़े ने अन्ना हजारे के संसद को लेकर रुख पर असहमति जताते हुए शुक्रवार को बेंगलूर में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि जिस तरह से चीजें चल रही हैं, उससे मुझे टीम अन्ना में नहीं रहना चाहिए. ये बातें (संसद को यह बताना कि उसे क्या करना है) लोकतांत्रिक नहीं हैं.’’ अन्ना हजारे के अनशन के 11वें दिन उनसे इसे समाप्त करने का अनुरोध करते हुए अग्निवेश ने भी कहा कि संसद के सामने किसी तरह का संकट पैदा करना गांधीवादी होने का संकेत नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह कहना एक तरह से संसद के सामने संकट होगा कि आप इसे कल तक करें या परसों तक करें. यह गांधीवादी अनशन या आंदोलन नहीं है, इसलिए इसे तोड़ने का यह सही वक्त है.’’
इस बीच अन्ना पक्ष के अरविंद केजरीवाल ने इन खबरों का खंडन किया कि हजारे पक्ष और संतोष हेगड़े के बीच कोई मतभेद हैं. उन्होंने कहा कि मैंने आज ही उनसे बात की है, वह पूरी तरह से हमारे साथ हैं. सूत्रों के मुताबिक स्वामी अग्निवेश के हजारे पक्ष से मतभेद सरकार के साथ पिछले दिनों हुई बातचीत के दौरान पैदा हुए.
सूत्रों का कहना है कि अग्निवेश वार्ता में हजारे पक्ष की ओर से शामिल होना चाहते थे, लेकिन हजारे चाहते थे कि सरकार से बात करने केवल केजरीवाल, किरण बेदी और प्रशांत भूषण जाएं. इसी कारण से अग्निवेश के कथित तौर पर नाराज होने की अटकलें हैं.
भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश जेएस वर्मा ने अन्ना से अनशन समाप्त करने की मांग करते हुए कहा है कि अन्ना का अनशन पर रहना जायज नहीं लगता.
अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी ने भी अन्ना से अनशन समाप्त करने का अनुरोध करते हुए कहा है कि जनलोकपाल विधेयक के लिए दबाव बनाना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि अन्ना के आंदोलन से एक तस्वीर बनी है और उन्होंने एक बात रखी है लेकिन जनलोकपाल विधेयक पर जोर देना सही नहीं है.