सिविल सोसयटी के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार गुमराह कर रही है और सरकार अडि़यल रवैया अपना रही है. उन्होंने कहा कि पहले तो सरकार ने बिल पेश करने की बात कही थी लेकिन फिर वो अपनी बात से पलट गई.
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उन्होंने कहा कि सरकार में कुछ लोग ऐसे हैं जो नहीं चाहते कि किसी भी तरह की बातचीत हो. उन्होंने आरोप लगाया कि गृहमंत्री पी चिदंबरम और दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल बातचीत के खिलाफ हैं और दोनों ही किसी भी तरह की बातचीत का विरोध कर रहे हैं.
उन्होंने प्रश्न किया कि जब सांसदों के वेतन में बढ़ोतरी की जाती है तब तो बिल स्टैंडिंग कमेटी में नहीं भेजा जाता तो फिर जन- लोकपाल बिल के मामले में बार बार स्टैंडिंग कमेटी में जाने की बात क्यों की जा रही है. उन्होंने कहा कि लोकपाल बिल पर 40 साल से भी ज्यादा समय से चर्चा हो रही है तो अब और अधिक चर्चा की जरूरत क्या है.
उन्होंने कहा कि सिविल सोसायटी तो इतना ही कह रही है कि सरकार जनलोकपाल बिल को संसद में पेश कर चर्चा कराए फिर सारा देश देखेगा कि इस पर किस पार्टी या नेता का क्या कहना है. उन्होंने कहा कि बातचीत के लिए हमारे रास्ते खुले हैं लेकिन बातचीत का स्वरूप कैसा होगा इस पर कोर कमेटी में चर्चा की जाएगी.
केजरीवाल ने कहा कि जनतंत्र बातचीत से ही चलता है इसलिए बातीचत के दरवाजे हमेशा ही खुले हैं लेकिन सरकार यह बताए कि आखिर किससे बात की जाए. उन्होंने बताया कि अन्ना की तबीयत फिलहाल ठीक है लेकिन अन्ना को अगर कुछ होता है तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.
बीजेपी से अपनर रुख स्पष्ट करने की अपील करते हुए केरीवाल ने कहा कि जनलोकपाल के विभिन्न मुद्दों पर बीजेपी को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए. बीजेपी कहती रही कि कानून आएगा तब बताएंगे तो अब उसे अपना रुख साफ करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि कई पार्टियां उनके समर्थन में खुलकर सामने आई हैं.