दिवाली के त्योहार में जहां हर घर में मां लक्ष्मी का इंतजार हो रहा है, वहीं जयपुर में एक घर के बाहर बैठी मां अपनी नवजात बेटी के साथ घर के दरवाजे खुलने की राह देख रही है. दरअसल महिला का कुसूर सिर्फ इतना है कि उसकी कोख से एक बच्ची ने जन्म लिया है.
मामला जयपुर के दुर्गापुरा इलाके स्थित शांतिनगर का है. पीड़िता का नाम सपना गुप्ता है. सपना के मुताबिक, दिसंबर 2015 में दुर्गापुरा निवासी शैलेश के साथ उसकी शादी हुई थी. शादी के बाद पति-पत्नी में आपसी झगड़े भी होते थे. 12 सितंबर 2016 यानी करीब डेढ़ महीने पहले सपना ने एक बेटी को जन्म दिया.
बेटी होने की खबर मिलते ही ससुराल पक्ष का कोई भी सपना से मिलने के लिए अस्पताल नहीं पहुंचा. दरअसल बेटी के जन्म से सपना के सास-ससुर और उसका पति शैलेश खुश नहीं थे. जिसके बाद आए दिन सपना को प्रताड़ित किया जाने लगा. सपना की माने तो उसके ससुरालियों ने उससे कहा कि, 'अगर बेटा पैदा नहीं कर सकती हो तो घर से निकल जाओ.'
जिसके बाद सपना के परिजनों ने महिला थाने में सपना को प्रताड़ित किए जाने की शिकायत की. पुलिस ने मामले में पति-पत्नी की दो बार काउंसिलिंग की लेकिन फिर भी बात नहीं बनी. मामले के तूल पकड़ते ही सपना के ससुराल पक्ष की ओर से सपना को 7 दिनों के अंदर घर आने का एक नोटिस दिया गया.
26 अक्टूबर की सुबह जब सपना अपनी बच्ची को लेकर ससुराल पहुंची तो घर में घुसते ही उसके पति शैलेश और उसकी सास ने सपना के साथ बेहद खराब बर्ताव किया. सपना ने बताया कि घर में घुसते ही उसे डायन कहा गया और फिर उसके ससुरालियों ने उसे फिर से घर से बाहर निकाल दिया. सपना ने फौरन पुलिस में इसकी शिकायत की.
पुलिस ने दंपति और उसके परिवार को समझाने की काफी कोशिशें की. जिसके बाद पुलिस शैलेश से पूछताछ के लिए उसे थाने लेकर आ गई. वहीं सपना की सास घर पर ताला लगाकर अपने किसी रिश्तेदार के वहां चली गई. जिसके बाद सपना अपनी डेढ़ माह की मासूम को लेकर घर का ताला खुलने के इंतजार में घर के बाहर ही बैठ गई.
सपना के दर्द को समझते हुए पड़ोसियों ने सपना और उसकी बच्ची के लिए बिस्तर और दूध की व्यवस्था की. वहीं कई सामाजिक कार्यकर्ता और राजस्थान महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा भी मामले की जानकारी मिलते ही सपना से मिलने पहुंची. सुमन शर्मा ने कहा कि वह सपना को उसका हक दिलवाकर रहेंगी. अगर उसके ससुराल वाले नहीं माने तो सपना के ससुरालियों को जेल भिजवाया जाएगा.