भड़काऊ भाषण देने के मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बाल्यान के खिलाफ डाबड़ी थाने में केस दर्ज हुआ है. नरेश बाल्यान ने 23 फरवरी को दिल्ली के बिंदापुर में एक जनसभा में मुख्य सचिव के साथ हुई मारपीट को सही ठहराते हुए कहा था कि ऐसे अधिकारियों के साथ मारपीट होनी चाहिए.
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने उत्तम नगर से आम आदमी पार्टी के एमएलए नरेश बाल्यान के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज कर लिया है. एक जनसभा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने ही नरेश बाल्यान ने मुख्य सचिव से संबंधित विवादित बयान दिया था.
उन्होंने कहा था, 'जो चीफ सेक्रटरी के साथ हुआ, जो उन्होंने झूठा आरोप लगाया, मैं तो कह रहा हूं कि ऐसे अधिकारियों को ठोकना चाहिए. जो आम आदमी के काम रोक कर बैठे हैं, ऐसे अधिकारियों के साथ यही सलूक होना चाहिए.' इस दौरान जनसभा में बैठे कई लोगों ने इस पर सहमति जताई थी.
#WATCH: While addressing a rally in Uttam Nagar, AAP MLA Naresh Balyan says, 'jo Chief Secy ke sath hua, jo inhone jhootha aarop lagaya, main to keh raha hu aise adhikariyo ko thokna chahye, jo aam aadmi ke kaam rok ke baithe hain aise adhikariyo ke sath yahi salook hona chahye.' pic.twitter.com/BDamX7TJGe
— ANI (@ANI) February 23, 2018
इस पर नरेश बाल्यान ने कहा कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, तो वह जमानत लेने की तैयारी करेंगे. कानूनी सलाह लेंगे. पुलिस उनके खिलाफ एक तरफा कार्रवाई कर रही है. मेरे बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है. मैंने कहा कुछ और दिखाया कुछ और गया है.
उन्होंने बताया कि मैंने कहा था लोगों का काम नहीं हो रहा है. कई महीनों तक फाइल अटकी रहती है, जो गलत है. अधिकारी जानबूझकर काम नहीं करते हैं. इमरान हुसैन और उनके साथी से मारपीट का वीडियो है, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है. अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि मिलकर काम करें.
उधर, नरेश बाल्यान के बयान से आम आदमी पार्टी ने किनारा कर लिया है. आप के एक वरिष्ठ नेता कहा कि सभी सरकारी अधिकारियों का सम्मान किया जाना चाहिए. उनकी सरकार दिल्ली के विकास के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर काम करना चाहती है. कई नेताओं इस बयान की कड़ी निंदा की है.
मुख्य सचिव और सरकार के बीच टकराव के बाद पहली बार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उत्तम नगर में संत गाडगे महाराज की जयंती के अवसर पर जनसभा में पहुंचे थे. वहां केजरीवाल ने कहा था कि जनता के कामों की कई जरूरी फाइलें अटकी हुई हैं. अफसरों को कुछ कह दो तो उन्हें बुरा लगता है.