आप नेता और विधायक सोमनाथ भारती का विवादों से पुराना नाता है. लेकिन अब उनकी मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. पत्नी से विवाद के चलते सोमवार को अदालत ने उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर दिया. अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका भी ठुकरा दी. अब राहत पाने के लिए भारती ने हाई कोर्ट में अर्जी लगाई है. दरअसल, उनकी परेशानियों का दौर इसी साल शुरु हुआ था. एक नजर डालें इस पूरे विवाद पर.
जून 2015 में सामने आया विवाद
आप नेता सोमनाथ भारती ने 2010 में लिपिका मित्रा से शादी की थी. लंबे समय से पति-पत्नी के बीच संबंध ठीक नहीं थे. लेकिन यह मामला इसी साल 10 जून को अचानक सुर्खियों में आया. 10 जून को खबर आई कि दिल्ली महिला आयोग ने सोमनाथ भारती को घेरलू हिंसा के मामले में एक समन भेजा है. और उन्हें 26 जून तक आयोग के सामने पेश होने को कहा था. उसी दिन उनकी पत्नी लिपिका ने द्वारका नॉर्थ थाने में उनके खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई थी.
अगस्त 2015 में पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप
सोमनाथ भारती ने जब 4 अगस्त को एक बयान देकर कहा था कि अगर दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार के अधीन कर दिया जाए तो आधी रात को भी खूबसूरत औरतें सुरक्षित बाहर घूम सकती हैं. उसी दिन उनकी पत्नी लिपिका ने बयान दिया था कि वह दिखने में सामान्य हैं इसलिए उनके पति सोमनाथ ने उनके साथ बुरा सलूक किया. लिपिका ने कहा था कि सोमनाथ को सिर्फ सुंदर लड़कियों की चिंता है. मैं दिखने में सामान्य हूं, शायद इसलिए वह मुझसे बुरा बर्ताव करते थे. सोमनाथ भारती को उनकी सुरक्षा की जरा भी चिंता नहीं है, जबकि वह सिर्फ सुंदर लड़कियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं.
10 सितंबर को लिपिका ने कोर्ट में दिए बयान
महिला आयोग और पुलिस में शिकायत करने के बाद लिपिका कोर्ट पहुंच गईं. 10 सितंबर को द्वारका थाने में दर्ज उनकी एफआईआर पर कार्रवाई करते हुए द्वारका कोर्ट ने लिपिका मित्रा के बयान दर्ज कराए. लिपिका को द्वारका कोर्ट नंबर- 515 में मजिस्ट्रेट के सामने बयान देने के लिए पेश किया गया. पुलिस ने बताया था कि इस मामले में सोमनाथ भारती के खिलाफ आईपीसी की धारा 307/406/420/506/498A के तहत धोखाधड़ी, हत्या के प्रयास, दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा का मामला दर्ज किया गया है. पूछताछ के लिए सोमनाथ को नोटिस भेजा गया.
11 सितंबर को पुलिस ने की कार्रवाई, घर पर मारा छापा
नोटिस मिलने के बावजूद सोमनाथ भारती पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस के सामने नहीं गए. पुलिस ने उन्हें दो नोटिस भेज चुकी थी. इसलिए 11 सितंबर को पुलिस की एक टीम ने उनके घर पर छापा मारा, लेकिन वो घर पर नहीं मिले. उसके बाद पुलिस ने भारती की तलाश में दूसरे ठिकानों पर भी छापे की कार्रवाई की. लेकिन भारती पुलिस के हाथ नहीं आए. वहीं, सोमनाथ भारती का कहना था कि उन्हें दिल्ली पुलिस पर बिल्कुल भरोसा नहीं है. आजतक से बातचीत में उन्होंने कहा था कि एक दिन पहले एफआईआर दर्ज हुई है, पुलिस को गिरफ्तारी की जल्दी क्यों है?
लिपिका ने कहा था- प्राइवेट पार्ट पर कुत्ते से कटवाया
उसी दिन शाम को लिपिका ने एक बार फिर से खुलासा करते हुए कहा था कि भारती ने बुरी तरह से उनका शोषण किया. उनके साथ हिंसा की. लिपिका ने बताया था कि पैसे मांगने पर भारती ने मुझे गालियां दी. उसके बाद मुझे कई थप्पड़ मारे और मेरा गला घोंटने की भी कोशिश की. उन्होंने मुझे धक्का दिया यह जानते हुए भी कि मैं 7 महीने की प्रेग्नेंट हूं. उसके बाद उन्होंने अपने कुत्ते को मुझपर अटैक करने को कहा. जब कुत्ते ने मुझपर अटैक किया तो वह देख रहे थे. मुझे कुत्ते ने पेट और प्राइवेट पार्ट सहित कई जगह पर काटा था.
दिल्ली पुलिस के पास भारती के खिलाफ पर्याप्त सबूत
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि मित्रा ने जो सबूत दिए हैं उसमें कुत्ते द्वारा काटे जाने की पुष्टि हुई है. हमने मित्रा के पड़ोसियों से भी बात की है, जिन्होंने कुत्ते से काटे जाने की घटना को अपनी आंखों से देखा है. उन्होंने भारती को भी वहां खड़े देखा था. घटना के सबूत और तथ्य सोमनाथ भारती पर आरोपी सिद्ध करने के लिए पर्याप्त हैं.
लिपिका ने कहा थाः दो बार की जान से मारने की कोशिश
सोमनाथ भारती की पत्नी लिपिका मित्रा का कहना था कि उनके पति ने उन्हें दो बार जान से मारने की कोशिश की थी. बृहस्पतिवार को लिपिका ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान में आरोप लगाया था कि भारती ने उनके बच्चों के सामने उनकी कलाई एक पैने चीज से काट दी थी और उन्हें गालियां दी थी. मित्रा ने बताया इस घटना से उनके बच्चे अगले कई दिनों तक खौफजदा रहे थे.
13 सितंबर को पुलिस ने भेजा था दूसरा नोटिस
दिल्ली पुलिस ने घरेलू हिंसा के मामले में पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं होने पर आप विधायक सोमनाथ भारती को शनिवार के दिन एक नया नोटिस जारी किया था. दिल्ली के संयुक्त पुलिस आयुक्त दीपेंद्र पाठक ने बताया था कि उन्होंने शनिवार को सोमनाथ भारती को दूसरा नोटिस जारी किया है. यह नोटिस उनके मालवीय नगर स्थित घर पर भेजा गया था. पाठक ने बताया था कि पहला नोटिस जारी होने के बाद सोमनाथ ने पुलिस को आश्वासन दिया था कि वह पूछताछ में पुलिस का सहयोग करेंगे, लेकिन वह अपनी बात से मुकर गए.
14 सितंबर को जारी हुआ गैर जमानती वारंट
दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को सोमनाथ भारती के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया. यह कार्रवाई अदालत ने दिल्ली पुलिस की अपील के बाद की. पुलिस ने कोर्ट से अपील करते हुए बताया था कि सोमनाथ भारती जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. दो बार नोटिस देने के बावजूद वह पूछताछ के लिए नहीं आए हैं. इसलिए उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए वारंट जरूरी है.
अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज
दिल्ली की स्थानीय अदालत में भारती ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगाई थी. लेकिन अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय गर्ग ने इस मामले में अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया. इसके बाद भारती की मुश्किलें और बढ़ गई.
हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, भारती पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
स्थानीय अदालत से गैर जमानती वारंट जारी होने और अग्रिम याचिका खारिज हो जाने के बाद सोमनाथ भारती ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन जब वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली तो उन्होंने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. जिस पर सुनवाई तो हुई है लेकिन अभी तक भारती को राहत नहीं मिली.
भारती ने किया सरेंडर
घरेलू हिंसा के केस में फरार चल रहे दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती ने द्वारका थाने में सरेंडर कर दिया था. अपने हाथ में भारतीय संविधान की किताब लेकर थाने पहुंचे सोमनाथ ने कहा था कि वह कानून से नहीं भाग रहा थे. हर नागरिक के पास अपने बचाव का कानूनी अधिकार है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही सरेंडर किया है.