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बाइक सवार बदमाशों ने युवक पर किया एसिड अटैक

यूपी के संभल जिले में एक युवक पर बाइक सवार कुछ अज्ञात लोगों ने तेजाब से हमला कर दिया. इस वारदात में अली नामक शख्स गंभीर रूप से घायल हो गया. घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए. पुलिस केस दर्ज करके बदमाशों की तलाश कर रही है.  

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यूपी के संभल जिले की घटना
यूपी के संभल जिले की घटना

यूपी के संभल जिले में एक युवक पर बाइक सवार कुछ अज्ञात लोगों ने तेजाब से हमला कर दिया. इस वारदात में अली नामक शख्स गंभीर रूप से घायल हो गया. घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए. पुलिस केस दर्ज करके बदमाशों की तलाश कर रही है.
 
जानकारी के मुताबिक, जिले के नाखासा थाना क्षेत्र के सिरसी इलाके में बुधवार रात 25 वर्षीय अली किसी से मिलने जा रहा था. उसी समय उस पर कुछ अज्ञात बदमाशों ने तेजाब से हमला कर दिया. उसकी चीखने की आवाज सुनकर वहां भीड़ जमा हो गई. लोगों ने पुलिस को सूचित किया.
 
सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने अली को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी नाजुक हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने मेरठ रेफर कर दिया. पीड़ित युवक के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करके तलाश शुरू कर दी है.

बताते चलें कि भारत में हर साल करीब 500 लोगों पर एसिड अटैक होता है, वहीं दुनियाभर में यह आंकड़ा 1500 है. इसमें महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है. प्यार में असफलता, छेड़खानी, दहेज और जमीन विवाद में ऐसी घटनाएं सबसे अधिक होती है. जो आज भी बदस्तूर जारी हैं.
 
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की माने तो यूपी, एमपी और दिल्ली में ऐसी घटनाओं का ग्राफ सबसे उपर है. साल 2014 में केवल यूपी में ही एसिड अटैक के 185 केस दर्ज किए गए है. भारत के साथ ही पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे देशों में भी एसिड अटैक की घटनाएं बहुतयात होती है.

देश में बढ़ती इन घटनाओं को देखते हुए सन 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्‍य सरकारों को जमकर फटकार लगाई थी. इसके साथ ही यह निर्देशित किया था कि एसिड अटैक से पीडि़तों के इलाज और पुनर्वास की पूरी जिम्‍मेदारी राज्‍य सरकार की होगी.
 
केद्र सरकार ने भी एसिड अटैक को जघन्य अपराधों की श्रेणी में रखने का फैसला किया है. ऐसे केस में आजीवन कारावास या मौत की सजा दी जा सकती है. ऐसे वारदातों की सुनवाई आईपीसी की धारा 376ए के तहत 60 दिनों में पूरी होने की बात कही गई है.
 
ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अब तेजाब की बिक्री वेब एप्लीकेशन के जरिए करने की व्यवस्था बनाई गई है. वेब एप्लीकेशन पर होलसेलर और रिटेलर के रजिस्ट्रेशन, डीएम द्वारा लाइसेंस जारी करने, आईडी दिखाने के बाद ही किसी व्यक्ति को तेजाब की बिक्री करने देने जैसी व्यवस्था है.

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