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जानिए, कौन थी आगरा की वो दबंग वकील, जिसे साथी ने ही उतार दिया मौत के घाट

सम्मान समारोह के बाद दरवेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद कुमार मिश्रा के चैंबर में बैठी थीं. तभी एडवोकेट मनीष शर्मा वहां पहुंचा और पिस्तौल निकालकर दरवेश पर तीन गोलियां दाग दी. इससे पहले कोई कुछ समझ पाता, उसने खुद को भी एक गोली मार ली और सब खत्म हो गया.

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इस तस्वीर में आरोपी मनीष भी दरवेश के साथ दिख रहा है (फोटो- आज तक)
इस तस्वीर में आरोपी मनीष भी दरवेश के साथ दिख रहा है (फोटो- आज तक)

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जिस शहर में रहकर महिला अधिवक्ता दरवेश यादव ने नाम कमाया. पहचान बनाई, उसी शहर में बुधवार को अधिवक्तागण उनका सम्मान कर रहे थे. कोर्ट परिसर में आने से पहले रास्ते में भी कई लोगों ने उन्हें फूल मालाएं पहनाकर उनका स्वागत किया था. मगर दरवेश को इस बात अहसास बिल्कुल भी नहीं था कि ये दिन उनकी जिंदगी का आखिरी दिन होगा.

सम्मान समारोह के बाद दरवेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद कुमार मिश्रा के चैंबर में बैठी थीं. तभी एडवोकेट मनीष शर्मा वहां पहुंचा और पिस्तौल निकालकर दरवेश पर तीन गोलियां दाग दी. इससे पहले कोई कुछ समझ पाता, उसने खुद को भी एक गोली मार ली और सब खत्म हो गया.

दरवेश को एक गोली सिर में और एक गोली सीने में लगी थी, वो खून लथपथ जमीन पर गिर पड़ी थीं. हॉस्पिटल में ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. और इस तरह से दो दिन पहले ही यूपी बार काउंसिल की चेयरमैन बनी दरवेश की जिंदगी का सफर हमेशा के लिए खत्म हो गया. मनीष को सिर में गोली लगी थी. लिहाजा उसकी हालत गंभीर होने पर उसे आगरा से दिल्ली रेफर कर दिया गया.

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Manish-Darvesh

कौन थी दरवेश सिंह यादव

दरवेश मूल रूप से यूपी के एटा जिले की रहने वाली थीं. उनके पिता पुलिस में डिप्टी एसपी रहे थे. दरवेश सिंह ने आगरा कॉलेज से पहले एलएलबी किया और फिर एलएलएम. वर्ष 2004 से ही दरवेश यादव आगरा की दीवानी कचहरी में प्रैक्टिस कर रही थीं. 2016 में वह बार काउंसिल की उपाध्यक्ष भी रही थीं. 2017 में दरवेश बार काउंसिल की कार्यकारी चेयरमैन भी रह चुकी थीं. इसके बाद साल 2018 में हुए बार काउंसिल के चुनाव में दरवेश दूसरी बार सदस्य चुनी गईं थी.

यूपी बार काउंसिल की पहली महिला चेयरमैन

9 जून को प्रयागराज में यूपी बार काउंसिल का चुनाव हुआ. जिसमें चेयरमैन पद के लिए आगरा की एडवोकेट दरवेश और हरिशंकर सिंह को 12-12 बराबर वोट मिले. इसके बाद बराबर मत के आधार पर दोनों को छह-छह माह के लिए चुन लिया गया. परंपरा और सहमति के आधार पर दरवेश सिंह यादव को पहले छह माह और हरिशंकर सिंह को शेष छह माह के लिए चेयरमैन निर्वाचित किया गया था. बताया जा रहा है कि वह यूपी बार काउंसिल की पहली महिला चेयरमैन थीं.

मनीष क्यों बन बैठा कातिल ?

आरोपी अधिवक्ता मनीष शर्मा और दरवेश सिंह यादव के बीच बहुत पुरानी दोस्ती थी. इसलिए लोगों के जहन में ये सवाल उठना लाजमी है कि आखिर मनीष ने दरवेश का कत्ल क्यों किया. और अगर कत्ल किया भी तो खुद को क्यों गोली मारी. उनकी पुरानी दोस्ती के बीच आखिर ऐसा क्या हुआ कि अचानक मनीष को ये खौफनाक कदम उठाना पड़ा. आधे घंटे पहले जो शख्स दरवेश के स्वागत समारोह में उनके साथ मालाएं पहना रहा था. तस्वीरों में दरवेश के साथ दिख रहा था. वो आधे घंटे में ही कातिल कैसे बन गया. कैसे वो अपनी जान का भी दुश्मन बन गया. इन सभी सवालों के जवाब मिलना अभी बाकी है.

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