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छोटा राजन गैंग से जुड़ा था इलाहाबाद में मारा गया नीरज वाल्मीकि

पुलिस के मुताबिक, नीरज वाल्मीकि कई मामलों में वांछित कुख्यात अपराधी था. उसका संबंध अंडरवर्ल्ड माफिया डॉन छोटा राजन के साथ था. वह उसके लिए काम करता था. यही वजह थी कि मुम्बई के एक बड़े शूटआउट में भी नीरज वाल्मीकि का नाम आया था.

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मृतक नीरज के खिलाफ कई थानों में मामले दर्ज हैं
मृतक नीरज के खिलाफ कई थानों में मामले दर्ज हैं

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इलाहाबाद के दुर्गा पूजा पंडाल में मारा गया गैंगस्टर नीरज वाल्मीकि दरअसल, अंडरवर्ल्ड माफिया छोटा राजन का आदमी था. पुलिस के अनुसार मुंबई में हुए एक बड़े शूटआउट में भी नीरज का नाम आया था. उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.

पुलिस ने खुलासा किया है कि हिस्ट्रीशीटर नीरज वाल्मीकि कोई आम अपराधी नहीं था. उसके खिलाफ अलग-अलग थानों में हत्या, लूट, अपहरण, डकैती और रंगदारी मांगने के कई मामले दर्ज हैं. 2008 में नीरज ने अपने साथियों के साथ मिलकर इलाहाबाद के कचहरी डाकघर में डकैती की वारदात को अंजाम देने की कोशिश की थी. उस घटना में सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई थी.

पुलिस के मुताबिक, नीरज वाल्मीकि कई मामलों में वांछित कुख्यात अपराधी था. उसका संबंध अंडरवर्ल्ड माफिया डॉन छोटा राजन के साथ था. वह उसके लिए काम करता था. यही वजह थी कि मुम्बई के एक बड़े शूटआउट में भी नीरज वाल्मीकि का नाम आया था.

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गौरतलब है कि इलाहाबाद के एक दुर्गा पंडाल में चार बदमाशों ने दिन दहाड़े ताबड़तोड़ गोलियां दागकर नीरज बाल्मीकि का मर्डर कर दिया गया था. हत्या की पूरी वारदात वहां लगे एक सीसीटीवी कैमरा में कैद हो गई थी.

कैमरे की सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि कातिल पंडाल में पहुंचे. फिर हमलावरों ने पहले नीरज से हाथ मिलाया और इसके बाद अचानक हमला कर दिया. कातिलों ने पहले गोली चलाई और फिर बम से हमला कर दिया.

वारदात इलाहाबाद के कैंट थाना क्षेत्र के राजापुर कालोनी की है. महज चालीस सेकेंड में उस पूजा पंडाल का नजारा बदल गया था. लाल टोपी वाला शख्स हमलावर है. सफेद शर्ट वाले जिस शख्स से वो हाथ मिला रहा है वो हिस्ट्रीशीटर और दुर्गा पूजा कमेटी का अध्यक्ष नीरज वाल्मीकि है.

हमलावर नीरज से पहले हाथ मिलाता है. कुछ बातें होतीं है. फिर नीरज उसे बैठने का इशारा करता है. हमलावर कुर्सी पर बैठने से बहाने मुड़ता है. फुर्ती से पिस्टल निकालकर नीरज पर गोली चलाने लगता है. नीरज भागने की कोशिश करता है, लेकिन इतने में हमलावर का दूसरा साथी भी फायर करता लगता है. तब तक तीसरा हमलावर भी आ जाता और इतने में चौथा शख्स बम फेंक देता है.

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पूरे घटनाक्रम को देखने पर साफ पता चल रहा है कि गोली और बम के हमले में नीरज बाल्मीकि की मौत हो गई. हमले में मारे गए नीरज पर पहले से दर्जनों मुकदमे हैं. वो दो महीने पहले ही जेल से छूटकर आया था. हमले में एक हमलावर भी जख्मी हो गया. हमलावर सीसीटीवी कैमरा में तो कैद हो गए लेकिन पुलिस की कैद से अभी वे दूर हैं.

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