पहलू खान मर्डर के गवाहों के ऊपर फायरिंग मामले में झूठा मुकदमा दर्ज कराने को लेकर अलवर पुलिस पहलू खान के बेटे और रिश्तेदारों पर मुकदमा दर्ज करेगी. अलवर पुलिस ने इस मामले की जांच करते हुए फाइनल रिपोर्ट पेश कर दी है.
पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि पहलू खान के बेटे और रिश्तेदारों पर किसी भी तरह से कहीं भी कोई फायरिंग नहीं की गई है और झूठा मामला इन लोगों ने दर्ज कराया है.
गौरतलब है कि शनिवार को मामले में कोर्ट में गवाही देने आ रहे पहलू खान के बेटे और रिश्तेदारों ने अलवर एसपी के पास पहुंचकर मुकदमा दर्ज कराया था कि गवाही देने आते समय रास्ते में नेशनल हाईवे नंबर आठ पर 9 बजकर 4 मिनट पर काले रंग के एसयूवी से कुछ लोग आए और गाड़ी को ओवरटेक करके रुकवाया. पहले तो आरोपियों ने उनके साथ गालीगलौज की और धमकाया. उसके बाद उनपर फायरिंग भी की.
इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. अलवर एसपी ने एक टीम बनाकर नीमराना और रोड के आसपास जांच के लिए भेजा था. जहां पर सभी तरह के सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई. साथ ही वहां से गुतरने वाली गाड़ियों के रिकॉर्ड भी लिए गए. जांच में रास्ते में कहीं भी काले रंग का एसयूवी नहीं दिखाई दी.
पुलिस का कहना है कि जिस जगह पर फायरिंग होना बताया गया है, उस जगह के तमाम सीसीटीवी कैमरे की जांच की गई, लेकिन कहीं भी कोई भी काले रंग की एसयूवी उस रास्ते से गुजरता हुई नहीं दिखी. ऐसे में अलवर पुलिस पहलू खान मर्डर मामले के गवाहों के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराकर देशभर में हंगामा मचाने का मुकदमा दर्ज कराएगी.
अलवर एसपी राजेंद्र सिंह का कहना है कि रिश्तेदारों ने गलत मुकदमा दर्ज कराया है, इसलिए इस मुकदमे में एफआऱ लगाते हुए उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराने का केस दर्ज करवाया जाएगा.
पहलू खान के बेटे इरसाद खान और आरिफ खान ने कहा था कि घटना वाले दिन दोनों भाई गाड़ी में सवार होकर जा रहे थे. उनके साथ मर्डर केस के दूसरे गवाह अजमत खान, रफीक खान और उनके वकील असद हयात भी गाड़ी में मौजूद थे. मामला सामने आने के बाद देशभर के सामाजिक संगठनों ने विरोध जताते हुए प्रदर्शन किया था.
बता दें कि पहलू खान हरियाणा के नूंह जिले के जयसिंहपुर गांव का रहने वाला था. 1 अप्रैल 2017 को कथित गोरक्षों ने पहलू खान की पिटाई की थी. इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था और 4 अप्रैल को उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था.