उत्तर प्रदेश के अमेठी में बीजेपी नेता स्मृति ईरानी के करीबी कार्यकर्ता सुरेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस बाद यूपी पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है. इस मामले की पुलिस लगातार जांच कर रही है.यूपी के डीजीपी ओ.पी सिंह ने बताया 'हमने तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है. अभी भी तीन आरोपी फरार हैं और हम जल्द ही उन्हें भी हिरासत में ले लेंगे. सभी सबूतों के आधार पर ये साफ है कि घटना में 5 आरोपी थी और मृतक से स्थानीय स्तर पर राजनीतिक रंजिश थी.'
OP Singh, UP DGP on ex-village head of Amethi who was shot dead: We have arrested three murder suspects. Two suspects are still absconding&we will nab them soon. On the basis of all evidence it is very clear that the 5 murder suspects&the victim had local level political rivalry. pic.twitter.com/ieq7vqyCPP
— ANI UP (@ANINewsUP) May 27, 2019
पुलिस ने हत्या में शामिल एक आरोपी के पास से खून से सना तौलिया भी बरामद किया है. इसके अलावा एक देसी पिस्तौल भी बरामद की है. अमेठी के एसपी ने बताया कि हत्या के पीछे पुरानी दुश्मनी है. आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है, अभी भी अन्य दो आरोपी फरार हैं.
अमेठी के एसपी ने आगे बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में एक बीडीसी मेंबर रामचंद्र है. वह किसी भी पार्टी से नहीं बल्कि निर्दलीय चुनाव लड़ता है. इस हत्या का लोकसभा चुनाव के नतीजों से कुछ लेना-देना नहीं है. इस मामले की जांच जारी है. फरार आरोपियों का नाम वसीम और गोलू है. हालांकि अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि सुरेंद्र को गोली किसने मारी थी. हम इस मामले की जांच कर रहे हैं.
सुरेंद्र सिंह की हत्या के बाद स्मृति ईरानी अमेठी पहुंचीं थीं. यहां उन्होंने सुरेंद्र सिंह के शव को कंधा दिया था. इसके बाद उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी. राहुल गांधी के गढ़ अमेठी में स्मृति ईरानी की जीत में सुरेंद्र सिंह का अहम रोल था.
स्मृति ने कहा कि वह सन 1977 से पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता थे. अमेठी में पार्टी की जीत का जश्न मनाने के बाद उनकी हत्या बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पूरी भाजपा और पार्टी के सभी कार्यकर्ता सुरेंद्र के परिवार के साथ हैं. हम चाहते हैं कि परिवार को न्याय मिले. गोली चलाने और चलवाने वालों को मृत्यु दंड दिया जाना चाहिए. स्मृति ने कहा कि आवश्यकता पड़ी तो न्याय के लिए उच्चतम न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाएंगे. यह वारदात अमेठी को आतंकित करने के लिए अंजाम दी गई है.