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हैदराबादः नहीं था पैसा, 60 किलोमीटर तक ठेले पर लेकर गए पत्नी का शव

हैदराबाद में भीख मांगकर गुजारा करने वाला एक बुजुर्ग पैसों की कमी के कारण पत्नी के शव को अपने पैतृक गांव ले जाने के लिए वाहन किराए पर नहीं ले पाया, तो उसने शव को एक ठेले पर रखकर 60 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर डाली. बदकिस्मती देखिए, बुजुर्ग रास्ता भटक गया और मेढक जिले के बजाय विकाराबाद शहर पहुंच गया.

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60 किलोमीटर तक ले गया पत्नी का शव
60 किलोमीटर तक ले गया पत्नी का शव

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निजामों के शहर हैदराबाद में एक दिल झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. यहां भीख मांगकर गुजारा करने वाला एक बुजुर्ग पैसों की कमी के कारण पत्नी के शव को अपने पैतृक गांव ले जाने के लिए वाहन किराए पर नहीं ले पाया, तो उसने शव को एक ठेले पर रखकर 60 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर डाली. बदकिस्मती देखिए, बुजुर्ग रास्ता भटक गया और मेढक जिले के बजाय विकाराबाद शहर पहुंच गया.

मृतक का नाम कविता (45 वर्ष) था. कुष्ठ रोग के मरीज कविता और रामुलू दोनों ही यहां के लैंगर हौज इलाके में भीख मांगकर गुजारा करते थे. 4 नवंबर को बीमारी के कारण कविता की लिंगमपल्ली रेलवे स्टेशन के पास मौत हो गई.

जिसके बाद पति रामुलू ने अपने पैतृक गांव (मेढक जिले का मनूर मंडल) में पत्नी का अंतिम संस्कार करने का फैसला किया. रामुलू ने कुछ निजी वाहन चालकों से पत्नी के शव को गांव ले जाने की गुहार लगाई, लेकिन सभी ने इसके लिए 5 हजार रुपयों की मांग की.

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विकाराबाद टाउन सर्किल इंस्पेक्टर जी. रवि ने बताया कि रामुलू के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह वाहन किराये पर ले पाता, इसलिए उसने पत्नी के शव को एक हाथगाड़ी पर रखा और रास्ता भटक जाने के कारण वह रविवार दोपहर विकाराबाद शहर पहुंच गया.

इंस्पेक्टर ने बताया कि कुछ स्थानीय लोगों ने रामुलू को पत्नी के शव के पास रोते देखकर पुलिस को सूचना दी. जिसके बाद एक एंबुलेंस की व्यवस्था की गई और शव को रामुलू के पैतृक स्थान पहुंचाया गया. गौरतलब है कि बीते दिनों ओडिशा में दाना मांझी नाम का एक शख्स मृत पत्नी को एंबुलेंस ना दिए जाने के बाद शव को अपने कंधे पर रखकर 10 किलोमीटर तक ले गया था.

 

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