कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह एनकाउंटर मामले में राजपूत समाज के हिंसक प्रदर्शन के बीच राजस्थान सरकार सीबीआई जांच कराने को राजी हो गई है. इसके साथ ही मंगलवार को सचिवालय में सरकार और राजपूत समाज के प्रतिनिधियों के बीच कई मांगों पर सहमति भी बनी है. सीबीआई जांच कराने सहित सात मांगें रखी गई थी.
जानकारी के मुताबिक, 12 जुलाई को आनंदपाल सिंह के गांव सांवराद में हुए हिंसा में मारे गए सुरेंद्र सिंह के मामले की भी सीबीआई जांच कराई जाएगी. सुरेंद्र सिंह का पोस्टमार्टम करवा दिया गया. बुधवार को उसके पैतृक गांव में अंत्येष्टि की जाएगी. संघर्ष समिति ने 22 जुलाई से प्रस्तावित आंदोलन को वापस लेते हुए संगठन को भंग कर दिया.
राजस्थान सरकार ने आनंदपाल सिंह एनकाउंटर मामने को सीबीआई को भेजने का निर्णय तो कर लिया है, लेकिन यह सीबीआई के विवेक पर निर्भर करता है कि वह क्या करती है? इससे पहले जैसलमेर के चतर सिंह एनकाउंटर केस एक साल से सूबे और सीबीआई के बीच है. चार बार सिफारिश भेजने के बाद भी सीबीआई ने मना कर दिया था.
इसी तरह डेल्टा मेघवाल केस में भी राजस्थान सरकार ने सीबीआई जांच के लिए सिफारिश की थी. लेकिन, उसमें भी सीबीआई इनकार कर चुकी है. पुलिस मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. आनंदपाल केस में गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सीबीआई जांच करती है या नहीं ये उनका मामला है. इस पर संघर्ष समिति भी सहमति है.
राजस्थान सरकार ने मानी ये मांगें
- आनंदपाल एनकाउंटर और सुरेंद्र सिंह मौत मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश
- आंदोलन के दौरान दर्ज केसों में राजस्थान सरकार द्वेषतापूर्ण कार्रवाई नहीं करेगी
- आनंदपाल की विदेश में रह रही बेटी चीनू को भारत आने में सरकार की ओर से कोई समस्या नहीं होगी
- मेदांता अस्पताल में भर्ती कमांडो सोहन सिंह से परिजनों को मिलाने में सरकार सहयोग करेगी
- आंदोलन के दौरान हिंसा में घायल और मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा
जबरन कराया गया अंतिम संस्कार
राजस्थान के गैंगस्टर आनंदपाल की मौत के बाद भी वो एक बवाल बना हुआ था. बेगुनाहों, पुलिस और आम लोगों के कत्ल के आरोपी आनंदपाल की मौत के बाद पूरा राजस्थान सुलग उठा था. आनंदपाल की मौत राजस्थान में जातीय अस्मिता का सवाल बन गई था. इसके बाद पुलिस को जबरन आनंदपाल सिंह का अंतिम संस्कार कराना पड़ा था.
बीस दिन तक पड़ी रही उसकी लाश
एक शख्स, जिसका नाम जीते जी क़ानून के बही-खातों में सबसे बड़े मुल्ज़िम के तौर पर शुमार होता रहा, मरने के बाद अब वो अचानक ग़रीबों का सबसे बड़ा मसीहा यानी रॉबिनहुड बन चुका है. उसकी मौत के बाद उसके चाहने वाले अब उसकी लाश का तब तक अंतिम संस्कार नहीं करना चाहते थे, जब तक सीबीआई जांच का वादा ना किया जाए.