हरियाणा में एक और दलित युवक को जिंदा जलाकर मारने का मामला सामने आया है. यमुनानगर में पूर्व सरपंच के बेटों पर आरोप है कि उन्होंने वोट न देने पर युवक को जिंदा जला दिया.
फरीदाबाद के सुनपेड़ गांव की घटना जैसा यह मामला यमुनानगर के रादौर गांव का है. जिंदा जलाने का आरोप गांव के पूर्व सरपंच के दो बेटों पर है, जिन्होंने कथित रूप से घर में घुसकर रजत नाम के युवक को जिंदा जला दिया. बचाने के दौरान मृतक की मां के हाथ भी जल गए.
हरियाणा के यमुनानगर में दलित परिवार के रजत नाम के शख्स को दबंगों ने जीते जी आग के हवाले कर दिया और रजत की जिंदगी का चिराग हमेशा-हमेशा के लिए बुझा दिया. मां ने अपने लाडले को बचाने की कोशिश की, लेकिन हाथ आया सिर्फ जख्म और बेटे की मौत का गम.
वोट नहीं देने पर टूटा कहर
परिवार वालों के मुताबिक, गांव के पूर्व सरपंच रामस्वरूप और उसके बेटों व साथियों ने मिलकर इस दिल दहलाने वाली वारदात को अंजाम दिया. 20 अक्टूबर को पूर्व सरपंच के बेटों ने रजत को जिंदा जला दिया, क्योंकि इन्होंने पूर्व सरपंच को वोट नहीं दिया था.
पुलिस ने नहीं दिखाई मुस्तैदी
पुलिस अबतक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. परिवार ने बताया कि इससे पहले भी 5 अक्टूबर को चुनावी रंजिश को लेकर उन्हीं आरोपियों ने घर में घुसकर इनके साथ मारपीट की थी. पुलिस ने उस वक्त भी आरोपियों को पकड़ने में कोताही बरती. 10 दिन बाद जब आरोपी पकड़े भी गए, तो फौरन ही 19 अक्टूबर को उन्हें जमानत मिल गई. जमानत पर छूटने के अगले ही दिन उन दबंगों ने केहर सिंह के बेटे रजत को जिंदा जला दिया.
आरोपी अभी भी फरार
पुलिस ने पूर्व सरपंच और एक महिला सहित 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. हत्या के आरोपी अभी भी फरार हैं. हरियाणा में दलितों पर टूटते कहर की ये एक और खौफनाक दास्तान है. सवाल रजत के हत्यारों की गिरफ्तारी का भी है. सवाल हरियाणा में दलितों पर हो रहे जानलेवा जुल्म पर नकेल कसने का भी है, जिसका जवाब सरकार और पुलिस दोनों को देना है.