
यूपी के गोंडा जिले में नगर पुलिस ने प्राइवेट हाथों में बेचने जा रहे सरकारी एंटीजन किट के 82 पैकेट बरामद किए हैं. नगर पुलिस ने इस संबंध में सीएचसी में तैनात एक काउंसलर समेत 3 लोगो को गिरफ्तार किया है. अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज ने बताया कि यह एंटीजन किट कानपुर, लखनऊ के प्राइवेट अस्पतालों में ऊंचे दामो में बेचने की बात पता चली थी. लाखों रुपए की एंटीजन किट पकड़े जाने पर वृहत जांच में सरकारी अस्पतालो के सीएचसी पीएचसी के कई स्टाफ की संलिप्तता पाई गई है, जिनकी शीघ्र ही गिरफ्तारी की जाएगी.
आपदा में अवसर के तर्ज पर इन लोगों ने कोरोना महामारी के दौरान भी अपनी कमाई का कोई मौका नहीं छोड़ा है. ये लोग सरकारी अस्पतालों से एंटीजन किट गायब करते थे और निजी लोगों को ऊंचे दामों पर बेचते थे. यह सारा काम सीएचसी-पीएचसी के स्टाफ के सहयोग से किया जाता था. अपर पुलिस अधीक्षक के मुताबिक चेकिंग के दौरान नगर पुलिस ने एक स्कॉर्पियो से 82 पैकेट एंटीजन किट बरामद किया था.
इस मामले में आईपीसी की धारा 409,188 और महामारी अधिनियम व 51 आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इसमें चौकाने वाले खुलासे हुए हैं. पुलिस के मुताबिक इस काम में जिले के सीएचसी पीएचसी स्टाफ का खास सहयोग रहा है. इनके द्वारा किट को लखनऊ कानपुर के प्राइवेट अस्पतालों को ऊंचे दामों पर बेचने की बात पता चली है.
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पुलिस ने बताया कि जिले के नवाबगंज सीएचसी में तैनात काउंसलर शिवम सिंह, पैथालॉजी संचालक सुरेश शुक्ल और विनीत सिंह को गिरफ्तार किया गया है. अभी-अभी और स्टाफ की संलिप्तता पाई गई है शीघ्र ही उनकी भी गिरफ्तारी की जाएगी.
यह वह रैपिड एंटीजन किट है जो सस्पेक्टेड करोना पेशेंट के त्वरित टेस्ट के लिए जिला अस्पतालों में भेजे गए थे लेकिन वहां के कर्मचारियों के सहयोग से यह बाहर निकाल कर प्राइवेट हाथों में ऊंचे दामों पर बेचे जाते थे. गोंडा नगर पुलिस ने इनके पास से ऐसे 82 पैकेट बरामद किए थे, जिसकी कीमत करीब 20 लाख रुपये से अधिक है.