सेना की वर्दी पहने सूबेदार, सेना के विशेष नंबर वाली प्लेट और कार पर लगी चमचमाती लाल बत्ती! ऐसे में इस 'जलवेदार' कार पर कोई कैसे शक कर सकता है. दिल्ली ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो ऐसी ही कार की आड़ लेकर दिल्ली से गुजरात जाकर अवैध शराब की सप्लाई करता था.
पुलिस के मुताबिक शराब तस्करी करने वाले इस गैंग का सरगना कोई और नहीं बल्कि सेना से समय पूर्व सेवानिवृत्ति (VRS) ले चुका एक हवलदार है. जो कार में तस्करी करते वक्त सूबेदार बन जाता था. पुलिस ने आरोपी पूर्व सैन्यकर्मी और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया है.
ज्वॉइंट सीपी रवींद्र यादव ने बताया कि आरोपियों की कार से 600 बोतल रम मिली हैं, जिन पर CSD सप्लाई का नकली स्टीकर भी लगा है. शराब और कार को जब्त कर लिया गया है. यह गैंग सेना की कैंटीन में सप्लाई के बहाने शराब की तस्करी कर रहा था. तस्करी के वक्त रिटायर्ड हवलदार और उसका एक साथी बाकायदा वर्दी में रहते थे.
यादव के मुताबिक रिटायर्ड हवलदार कृपा शंकर शर्मा गुजरात का रहने वाला है. सेना में 1991 में सिपाही के रूप में भर्ती हुआ था. उसने हवलदार बनने के बाद साल 2012 में VRS ले लिया था. उसके वह गुजरात में शराबबंदी का फायदा उठाकर तस्करी करने लगा था.
पुलिस ने उसके साथ दिल्ली के हरिनगर निवासी महेश कुमार और प्रवीण को अरेस्ट किया है. दोनों उसके ड्राइवर और सिपाही के रोल में रहा करते थे. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि कुछ आर्मी के रिटायर्ड अफसर अवैध शराब की तस्करी में लिप्त हैं, जो दिल्ली कैंट के गोपी नाथ बाजार में आने वाले हैं.
इस सूचना के बाद डीसीपी भीष्म सिंह के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम बनाई गई. जिसने जाल फैलाकर एक मारुति SX-4 में सवार तीन लोगों को शक के आधार पर हिरासत में लिया. कार की तलाशी लेने पर डिग्गी से अवैध शराब और डिफेंस सीरिज की जाली नंबर प्लेट भी मिली.
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपियों से कड़ी पूछताछ शुरू कर दी है. पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश भी कर रही है कि इनके साथ और कितने लोग तस्करी के काम में शामिल थे.