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आरुषि-हेमराज मर्डर केस: तारीख-दर-तारीख जानिए कब, क्या और कैसे हुआ?

बहुचर्चित आरुषि-हेमराज मर्डर केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ. राजेश और नूपुर तलवार को बरी कर दिया है. दोनों को जल्द ही रिहाई मिल जाएगी.

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आरुषि-हेमराज मर्डर केस
आरुषि-हेमराज मर्डर केस

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बहुचर्चित आरुषि-हेमराज मर्डर केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ. राजेश और नूपुर तलवार को बरी कर दिया है. दोनों को जल्द ही रिहाई मिल जाएगी. तलवार दंपति ने सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी. 26 नवंबर, 2013 को उनको सीबीआई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. तलवार दंपति इस समय गाजियाबाद के डासना जेल में सजा काट रहे थे.

तारीख-दर-तारीख जानिए कब, क्या और कैसे हुआ?

*साल 2008-

16 मई- आरुषि की लाश नोएडा में अपने घर में बिस्तर पर मिली. उसकी गला काट कर हत्या की गई थी. कत्ल के फौरन बाद शक घर के नौकर हेमराज पर जाहिर किया गया.

17 मई- हेमराज की लाश घर की छत पर मिली.

22 मई- पुलिस ने पहली बार कहा कि मामला ऑनर किलिंग का हो सकता है. इस आधार पर डॉ. राजेश तलवार और उनकी पत्नी डॉ. नूपुर तलवार से पूछताछ की गई.

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23 मई- पुलिस ने आरुषि-हेमराज की हत्या के आरोप में राजेश तलवार को गिरफ्तार कर लिया.

27 मई- डॉ. नूपुर तलवार ने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की.

31 मई- आरुषि-हेमराज मर्डर केस की जांच सीबीआई के हवाले कर दी गई.

1 जून- सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की.

10 जून- हिरासत में लिए गए डॉ. तलवार के कंपाउंडर कृष्णा का लाइ डिटेक्टर टेस्ट किया गया.

11 जून- उसे बेंगलुरु में नारको टेस्ट के लिए ले जाया गया.

13 जून- कृष्णा को सीबीआई ने गिरफ्तार किया. उस पर हत्या का आरोप लगाया गया था.

11 जुलाई- सीबीआई ने कहा कि डॉ. राजेश बेगुनाह हैं और असली कातिल कंपाउंडर कृष्णा है.

12 जुलाई- राजेश तलवार गाजियाबाद की डासना जेल से जमानत पर रिहा.

12 सितंबर- कृष्णा, राजकुमार और विजय मंडल को सीबीआई कोर्ट से जमानत मिली. सीबीआई 90 दिन तक चार्जशीट फाइल नहीं कर सकी.

*साल 2009- आरुषि हत्याकांड की जांच के लिए सीबीआई की दूसरी टीम बनी.

*साल 2010- ठोस सबूतों के अभाव में सीबीआई ने केस को बंद करने की अर्जी दी, लेकिन अदालत ने केस बंद करने से मना कर दिया.

*साल 2011- राजेश तलवार ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ लोअर कोर्ट में पिटीशन दाखिल की.

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*साल 2012- डबल मर्डर के चार साल बाद आरुषि की मां नूपुर तलवार को कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा और फिर जेल जाना पड़ा.

*26 नवंबर 2013-  न्यायालय का फैसला आया तो सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस लाल ने अपने 208 पन्नों के फैसले में आरोपी राजेश और नूपुर तलवार को दोषी करार दिया.  

*जनवरी 2014- पिता राजेश और मां नूपुर तलवार ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी.

*साल 2017

अगस्त- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि तलवार की अपील दोबारा सुनेंगे.

सितंबर- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरुषि हत्याकांड में फैसला सुरक्षित किया.

12 अक्टूबर- आरुषि-हेमराज मर्डर केस में आरुषि के माता-पिता राजेश और नुपुर तलवार की अपील पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिहा किया.

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