एक तो दरिंदगी के घाव, ऊपर से उस पर बयानबाजी के नमक-मिर्च. ना जाने उन लोगों के मन में भी ऐसी बातें कैसे आती हैं.
दिल्ली में सबसे घिनौनी दरिंदगी की शिकार लड़की 13 दिनों तक लड़ती रही और फिर मौत से हार गई लेकिन, खुद को धर्मगुरु कहलाने वाले आसाराम बापू को लगता है कि इतनी खौफनाक वारदात की वजह सिर्फ वो 6 लोग नहीं थे. वो कहते हैं कि ऐसी वारदात में गलती दोनों तरफ की होती है.
उन्होंने कहा कि केवल 5-6 लोग ही दोषी नहीं हैं. बलात्कारियों के साथ-साथ पीड़िता भी दोषी है. उसे दोषियों को भाई कह कर संबोधित करते हुए उनसे ऐसा घृणित कार्य ना करने का अनुरोध करना चाहिए. इससे उसकी जान और इज्जत दोनों बच जाती.
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक आसाराम बापू ने कहा कि वे आरोपियों को कठोर सजा दिए जाने के खिलाफ हैं. इससे कानून का दुरुपयोग होगा. उनके मुताबिक इस तरह के बने कानूनों का हमेशा से दुरुपयोग हुआ है. दहेज प्रताड़ना के खिलाफ बना कानून इसका एक उदाहरण है.
आसाराम के शर्मनाक बयान पर मेनका गांधी का कहना है कि अगर भाई कह देने से ही कोई पापी बदल जाता तो दुनिया में कभी पाप ही नहीं होते.
गैंगरेप की शिकार लड़की को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से सिंगापुर 27 दिसम्बर को लाया गया था. लड़की ने सिंगापुर के माउंट एजिजाबेथ अस्पताल में तड़के सुबह चार बजकर 45 मिनट (भारतीय समयानुसार देर रात 2 बजकर 15 मिनट) पर आखिरी सांस ली.
पीड़ित छात्रा की सफदरजंग अस्पताल में तीन सर्जरी की गईं थी. दिल्ली में गत 16 दिसम्बर की रात छह लोगों ने चलती बस में उसके साथ सामूहिक बलात्कार करने के साथ ही उस पर बेरहमी से हमला किया था. इस दौरान उसे मस्तिष्क में चोट लगने के साथ ही दिल का दौरा भी पड़ा था.
भारतीय उच्चायुक्त टी सी ए राघवन ने बताया था कि लड़की होश में थी और उसने अंत तक अपने जीवन के लिए साहसिक संघर्ष किया. उन्होंने कहा कि अंतिम कुछ घंटे लड़की के परिवार के लिए बेहद कठिन थे और उन्होंने इसका सामना पूरे धर्य और साहस के साथ किया.